करनाल में गांव कोहंड में प्लॉट पर कब्जे को लेकर पुलिस ने एक महीने बाद दूसरे पक्ष की शिकायत पर पहले पक्ष के लोगों पर केस दर्ज कर लिया है। पीड़ित परिवार का आरोप है कि पहले पक्ष ने हमारे लोगों पर जानलेवा हमला किया और हमारे खिलाफ ही पुलिस को झूठी शिकायत देकर मामला दर्ज करवाया, जबकि हमारे द्वारा दी गई शिकायत पर पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। पीड़ित परिवार ने पुलिस अधीक्षक से मांग की है कि पूरे मामले की जांच डीएसपी स्तर के अधिकारी से करवाई जाए और पहले पक्ष द्वारा हमारे खिलाफ दर्ज कराई गई शिकायत को खारिज किया जाए। कोहंड निवासी पीड़ित रतन सिंह ने एसपी को बताया है कि कोर्ट के आदेश पर 5 मई को प्रशासन ने उन्हें गांव कोहंड स्थित उनके 1 कनाल 16 मरले के प्लॉट का कब्जा दिलवाया था। कब्जे के बाद उन्होंने प्लॉट की तारबंदी भी कर दी थी। लेकिन दो दिन बाद 7 मई को सुबह 8:30 बजे आरोपियों ने जबरदस्ती प्लॉट में घुसकर वहां गोबर डालना शुरू कर दिया। गाली-गलौज के बाद लाठी-डंडों से किया हमला पीड़ित कुलदीप का आरोप है कि उसके पिता रतन सिंह, मां कमला देवी और भाई सन्नी व सतीश प्लॉट में काम कर रहे थे तभी गांव निवासी सुरेन्द्र व कृष्ण झोटा-बोगी में गोबर लेकर वहां पहुंचे। मना करने पर आरोपियों ने गाली-गलौज शुरू कर दी और गुज्जर होने की धमकी देते हुए अपने साथियों को बुला लिया। आरोप है कि सफेद रंग की आई-20 गाड़ी से मदन, जितेन्द्र उर्फ देशु, प्रदीप, विक्रम और रविन्द्र नामक व्यक्ति लाठी-डंडे लेकर आए और ललकार कर हमला बोल दिया। सिर पर फावड़ा मारकर किया लहूलुहान कुलदीप ने आरोप लगाया है कि कृष्ण ने लोहे का फावड़ा सतीश के सिर पर मारा, जिससे वह वहीं गिर पड़ा। इसके बाद सभी ने उस पर डंडों से हमला कर उसे मरा समझ छोड़ दिया। बीच-बचाव करने पहुंचे कुलदीप पर भी लाठियों से हमला किया गया, लेकिन वह किसी तरह जान बचाकर भागा। जाते-जाते आरोपी पीड़ित रतन सिंह की जेब से प्लॉट के कागजात व एक कसी भी जबरन लाठी के बल पर ले गए। झगड़े में तोड़े सीमेंट पोल, दी जान से मारने की धमकी हमलावर जाते-जाते धमकी देकर गए कि यदि दोबारा प्लॉट में आए तो जमीन में गाड़ देंगे। आरोपियों ने प्लॉट में लगे सीमेंट पोल को भी तोड़ दिया जिससे 1500 रुपए का नुकसान हुआ। झगड़ा पूर्व नियोजित था और पीड़ितों को जान से मारने की नीयत से अंजाम दिया गया। पुलिस ने घायलों को पहुंचाया अस्पताल घटना की सूचना डायल 112 पर दी गई जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची थी। गंभीर रूप से घायल सतीश, सन्नी और रतन सिंह को पहले घरौंडा के सरकारी अस्पताल में लाया गया। जहां से हालत गंभीर होने के कारण उन्हें कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया। बाद में उन्हें जेएस अस्पताल पानीपत में भर्ती करवाया गया जहां उनका इलाज चल रहा है। रतन सिंह ने एसपी करनाल को दी गई दरखास्त में कहा कि थाना घरौंडा पुलिस की भूमिका संदिग्ध रही है, इसलिए मामले की जांच किसी निष्पक्ष अधिकारी विशेषकर डीएसपी हेडक्वार्टर से करवाई जाए ताकि उन्हें न्याय मिल सके। अब पीड़ित की एफआईआर भी हुई दर्ज पीड़ित परिवार का आरोप है कि उन्होंने घटना के दिन ही शिकायत दी थी लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की और उल्टा आरोपियों की झूठी शिकायत पर उनके खिलाफ ही 7 मई को धारा 115, 190, 191(3), 351(2) बीएनएस के तहत केस दर्ज कर लिया। रतन सिंह ने कहा कि हम गरीब मजदूर वर्ग से हैं और हमें न्याय नहीं मिल रहा। लेकिन अब 11 जून को पुलिस ने रतन सिंह की शिकायत पर भी आरोपियों के खिलाफ धारा 115, 329, 351(3), 3(5) बीएनएस के तहत मामला दर्ज किया है।
करनाल में प्लॉट को लेकर दो पक्षों में मारपीट:एक महीने बाद दूसरे पक्ष पर FIR, डीएसपी स्तर के अधिकारी से जांच की मांग
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