करनाल में रिटायर्ड कर्मचारियों ने भरी हुंकार:8वें वेतन आयोग के लाभ से वंचित, एरियर न मिलने पर फूटा गुस्सा

by Carbonmedia
()

केंद्र सरकार द्वारा वित्त विधेयक 2025 में सेवानिवृत्त कर्मचारियों की अनदेखी किए जाने के विरोध में करनाल में रिटायर्ड कर्मचारी संघ हरियाणा आज सड़कों पर उतरा। संघ ने सेक्टर-12 स्थित फव्वारा पार्क में एकत्र होकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और डीसी कार्यालय तक मार्च निकाला। डीसी कार्यालय में प्रधानमंत्री व वित्त मंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। संघ ने चेताया है कि यदि मांगें नहीं मानी गई, तो यह आंदोलन और तेज किया जाएगा। मांगों को लेकर होगा विरोध प्रदर्शन रिटायर्ड कर्मचारी संघ जिला अध्यक्ष बलराज सिंह ने अपनी मांगों का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार आठवें वेतन आयोग के लाभ से सेवानिवृत्त कर्मचारियों को वंचित न रखे। इसके अलावा कोविड-19 महामारी के दौरान काटे गए 18 महीने के महंगाई भत्ते का एरियर तुरंत दिया जाए। मौजूदा बजट में न सिर्फ सेवानिवृत्त कर्मचारियों की अनदेखी की गई है, बल्कि उनके मौलिक अधिकारों को भी नजरअंदाज किया गया है। पेंशन में वृद्ध‍ि और यात्रा रियायतों की मांग संघ की ओर से मांग की गई है कि सेवानिवृत्त कर्मचारियों को 65 वर्ष की उम्र के बाद पेंशन में 5%, 70 की उम्र पर 10% और 75 के बाद 15% की बढ़ोतरी दी जाए। साथ ही रेलवे, हवाई जहाज और बस जैसी सभी यात्रा सुविधाओं में वरिष्ठ नागरिकों को 50% किराया छूट दी जाए। कोरोना काल का तुरंत जारी करें एरियर कर्मचारियों की मांग है कि उन्हें आठवें वेतन आयोग का लाभ दिया जाए, कोरोना काल के दौरान रोका गया 18 महीने का एरियर तुरंत जारी किया जाए, पेंशन में उम्र के अनुसार बढ़ोतरी हो, केशलैस मेडिकल सुविधा शुरू की जाए और यात्रा किरायों में 50% की छूट दी जाए। इन रियायतों को लागू करने की मांग लंबे समय से की जा रही है, लेकिन सरकार इस दिशा में कोई सकारात्मक कदम नहीं उठा रही है। केशलैस मेडिकल की सुविधा लागू नहीं संघ की मांग है कि सभी सेवानिवृत्त कर्मचारियों को केशलैस मेडिकल सुविधा दी जाए। जब तक यह सुविधा लागू नहीं होती, तब तक सरकार उन्हें हर महीने 3 हजार मेडिकल भत्ता प्रदान करे, ताकि इलाज के खर्चों से राहत मिल सके। मांगे पूरी नहीं हुई, तो होगा आंदोलन रिटायर्ड कर्मचारी संघ ने सवाल उठाया है कि कई मामलों में नियमों को ताक पर रखकर सरकारी कर्मचारियों को ही ठेकेदार बना दिया जाता है, जो कि सरकारी सेवा नियमों के अनुसार पूर्णत: गलत है। ऐसे मामलों में कोई कार्रवाई न होना सरकार की नीयत पर सवाल खड़े करता है। डीसी कार्यालय में प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा है। अगर मांगे पूरी नहीं हुई, तो आंदोलन करने से भी पीछे नहीं हटेंगे।

How useful was this post?

Click on a star to rate it!

Average rating / 5. Vote count:

No votes so far! Be the first to rate this post.

Related Articles

Leave a Comment