करनाल के नरूखेड़ी गांव के एक व्यक्ति व उसके रिश्तेदार से करीब 60 लाख रुपये की ठगी का मामला सामने आया है। पीड़ित परिवार का आरोप है कि विदेश भेजने का झांसा देकर एक गिरोह ने योजनाबद्ध तरीके से फर्जी वीजा और टिकट थमाकर रुपये ऐंठ लिए। शिकायत मिलने पर करनाल पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है और आगे की जांच आर्थिक अपराध शाखा को सौंप दी गई है। चार आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धाराओं में सदर थाना में मामला दर्ज हुआ है। शिकायत के मुताबिक, जनवरी 2024 के पहले सप्ताह में सुरेश कुमार ने अपने बेटे सागर को ऑस्ट्रेलिया भेजने के लिए गांव के युवक से संपर्क किया था। उसने 10 लाख रुपये लेकर पासपोर्ट सहित दस्तावेज जमा करवाए, लेकिन मार्च में रुपये और कागजात यह कहकर लौटा दिए कि वह यह काम नहीं कर पाएगा। इसके बाद अप्रैल 2024 में सुरेश की मुलाकात रिश्तेदार टीनू के माध्यम से संदीप मलिक (पानीपत पुलिस का एएसआई) से हुई। संदीप ने पत्नी, मित्र और अन्य के साथ रचा षड्यंत्र, झूठे वादों में फंसाया
संदीप ने खुद को पुलिसकर्मी बताया और यह भी बताया कि वह, उसकी पत्नी निशा, उसका मित्र विक्रांत मलिक और दीपिका मलिक मिलकर ऑस्ट्रेलिया भेजने का काम करते हैं। आरोपियों ने दावा किया कि उन्होंने पहले भी कई युवकों को मेलबोर्न भेजा है और वहां नौकरी भी दिलवाई है। सुरेश और उसके रिश्तेदार उनकी बातों में आ गए और संदीप ने प्रति लड़के 30-30 लाख रुपये में विदेश भेजने की डील तय की। कैश और खातों में ट्रांजेक्शन कर हड़पे पैसे, हर बार मांगी नई रकम
शुरुआत में 10 लाख रुपये नकद दिए गए। इसके बाद किश्तों में अलग-अलग तारीखों को कई बार खाते में ऑनलाइन ट्रांजेक्शन व नकद भुगतान किया गया। कुल मिलाकर सुरेश कुमार ने अपने बेटे सागर व रिश्तेदार योगेश को ऑस्ट्रेलिया भेजने के नाम पर 31 लाख 62 हजार खर्च कर दिए। रिश्तेदार पक्ष की ओर से भी 30 लाख देने की बात कही गई है, जिससे कुल ठगी 60 लाख के करीब बैठती है। फर्जी वीजा और टिकट पकड़ाकर 29 जून को विदेश भेजने की बात कही
आरोपियों ने सुरेश को सागर और योगेश के फर्जी वीजा और इंडिगो एयरलाइंस की दिल्ली से सिंगापुर व मेलबोर्न की टिकट थमा दी। बताया गया कि 29 जून को फ्लाइट है और मेलबोर्न एयरपोर्ट पर उनका आदमी मौजूद रहेगा। सागर ने अपना सारा सामान तैयार कर लिया था लेकिन फ्लाइट से कुछ देर पहले संदीप ने फोन करके कहा कि कुछ कारणों से अब सागर नहीं जा सकता, बाद में भेजेंगे। वीजा चेक करवाया तो फर्जी निकला
जब पीड़ित परिवार ने इन दस्तावेजों को चेक करवाया तो पता चला कि वीजा पूरी तरह से फर्जी है और टिकट पहले से ही कैंसिल करवा दी गई थी। पीड़ित का आरोप है कि आरोपियों ने सुनियोजित तरीके से एक गिरोह बनाकर ठगी की है और पहले भी इन पर ठगी के केस दर्ज हैं। विक्रांत के खिलाफ गुजरात और उत्तराखंड में 420 व इमीग्रेशन एक्ट के तहत मामले दर्ज हैं। वहीं संदीप और उसकी पत्नी निशा ने करनाल के सीएचडी सिटी में करीब 3 करोड़ रुपये का मकान बनवाया है, जो इसी ठगी की रकम से तैयार हो रहा है। पुलिस का डर दिखाकर दी धमकी, पंचायत में भी मना कर दिया समझौता
जब पीड़ित ने बार-बार संपर्क किया तो संदीप मलिक बहाने बनाता रहा। पंचायत भी हुई लेकिन अब वह पैसे देने या समझौता करने से साफ इनकार कर चुका है और पीड़ित परिवार को जान से मारने और झूठे केस में फंसाने की धमकी भी दे चुका है। पुलिस ने सुरेश कुमार की शिकायत पर चारों आरोपियों संदीप मलिक, निशा मलिक, विक्रांत मलिक और दीपिका मलिक के खिलाफ IPC की धारा 406, 420 और 120B के तहत केसदर्ज किया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
करनाल में विदेश भेजने के नाम पर 60 लाख ठगे:फर्जी वीजा और टिकट देकर करते रहे बहानेबाजी, पानीपत और शामली के चार लोगों ने मिलकर रची साजिश
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