बरसात की शुरुआत के साथ करनाल जिले में सांपों का खतरा बढ़ गया है। केवल एक सप्ताह में सांप के काटने से जिले में 4 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें दो महिलाएं, एक बच्चा और एक बुजुर्ग महिला शामिल है। ताजा मामला पूजम गांव का है जहां काले रंग के कॉमन क्रेट सांप ने 65 वर्षीय महिला को काट लिया और 20 मिनट के भीतर उसकी मौत हो गई।
इस तरह के लगातार मामले सामने आने के बावजूद लोग समय पर इलाज की जगह आज भी झाड़-फूंक जैसे अंधविश्वासों में समय गंवा रहे हैं। एक्सपर्ट लगातार लोगों को सावधान रहने और जरूरी ऐहतियात बरतने की सलाह दे रहे हैं, लेकिन लापरवाही के चलते जानें जा रही हैं। रोशनदान की सफाई करते वक्त महिला को काटा सांप, 20 मिनट में मौत
गांव पूजम में 20 जून की शाम 65 वर्षीय नारायण देवी घर में रोशनदान की सफाई कर रही थीं। रोशनदान के पास डिब्बे रखे हुए थे। जैसे ही महिला ने डिब्बा उठाया, एक काले रंग का सांप निकला और उसकी उंगली पर काट लिया। महिला के परिजन तुरंत अस्पताल लेकर भागे, लेकिन डॉक्टरों ने महिला को मृत घोषित कर दिया। सांप की पहचान कॉमन क्रेट प्रजाति के रूप में हुई है, जो सबसे जहरीले सांपों में से एक माना जाता है और आमतौर पर रात के समय लोगों को काटता है। समौरा में घर के अंदर सोते बच्चे को सांप ने काटा, मौत के बाद पकड़ा गया सांप
इससे दो दिन पहले समौरा गांव में 5 साल के अयान की सांप के डसने से मौत हो गई थी। बच्चा अपने भाई-बहनों के साथ रात को कमरे में सो रहा था। बताया गया कि घर का दरवाजा नीचे तक बंद नहीं होता था, जिससे सांप कमरे में घुस आया और बैड के पास रखे उपलों के कट्टे से बैड पर चढ़कर अयान को डस लिया।
जब परिजनों ने देखा तो हालत बिगड़ चुकी थी। बच्चे को तुरंत कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। सांप को बाद में कट्टे से बाहर निकालकर स्नैकमैन सतीश फफड़ाना को सौंप दिया गया। झाड़-फूंक के चक्कर में गई महिला की जान, परिजनों को हुआ पछतावा
सात दिन पहले मोहिदीनपुर गांव में 55 वर्षीय महिला कमलेश को खेत में प्योद उखाड़ते समय सांप ने काट लिया था। परिजन उसे अस्पताल ले जाने की बजाय नेवल गांव में झाड़-फूंक के लिए ले गए। जब हालत बिगड़ी, तब अस्पताल पहुंचे, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। डॉक्टरों ने महिला को मृत घोषित कर दिया। महिला चार बच्चों की मां थी। परिजनों ने बाद में माना कि अगर झाड़-फूंक में समय न गंवाते तो शायद महिला की जान बच सकती थी। 9 दिन तक इलाज चला लेकिन जान न बची
तीन जून को मुनक गांव की 38 वर्षीय सरोज को उपले उठाते समय कोबरा सांप ने काट लिया था। परिजनों ने तुरंत उसे अस्पताल में भर्ती करवाया, लेकिन नौ दिन तक इलाज चलने के बावजूद महिला की जान नहीं बच सकी। परिजनों ने डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाया। इस मामले में भी स्नैकमैन की मदद से सांप को पकड़ा गया था। सांपों का मौसम शुरू, घर में ये सावधानियां बरतना जरूरी
स्नैकमैन सतीश फफड़ाना के मुताबिक बारिश के मौसम में सांप सूखी और गर्म जगह की तलाश में घरों में घुस आते हैं। घरों में ज्यादा भीड़भाड़ में सामान न रखें, दरवाजे पूरी तरह बंद रखें, फर्श पक्का हो और बैड को दीवार से कम से कम एक फुट दूर रखें ताकि सांप न चढ़ सके। कोई भी सामान उठाते समय सावधानी जरूर बरतें। मरीज को तुरंत अस्पताल ले जाना ही जान बचा सकता है: डॉ. गोयल
सीनियर मेडिकल ऑफिसर डॉ. मुनेश गोयल बताते हैं कि हर सांप जहरीला नहीं होता, लेकिन कई सांप बेहद खतरनाक होते हैं। मरीज की हालत के अनुसार एंटी-स्नेक वेनम दिया जाता है। समय पर इलाज न मिलने पर शरीर की मांसपेशियां काम करना बंद कर सकती हैं, मरीज बेहोश हो सकता है या सांस रुक सकती है। इसलिए झाड़-फूंक की जगह तुरंत अस्पताल जाएं, घबराएं नहीं। लोगों की लापरवाही बन रही मौत का कारण
जिले में लगातार सामने आ रहे स्नैक बाइट के मामलों से साफ है कि बरसात के मौसम में खतरा बढ़ गया है, लेकिन लोग अभी भी समय पर सही इलाज नहीं करा रहे। कई मामलों में झाड़-फूंक में समय बर्बाद हुआ और जब तक अस्पताल पहुंचे, तब तक मरीज की हालत बिगड़ चुकी थी। अगर समय पर एंटी वेनम दिया जाए तो जान बचाई जा सकती है। एक्सपर्ट ने दी सलाह – ये 5 बातें रखें याद:
.रात को जमीन पर न सोएं।
.बैड को दीवार से थोड़ा दूर रखें।
.दरवाजे और खिड़कियों को नीचे तक बंद रखें।
.कोई भी सामान उठाते समय सतर्क रहें।
.किसी भी झाड़-फूंक के चक्कर में न पड़ें, तुरंत अस्पताल जाएं। जिले में अब तक 4 मौतें – अलर्ट जरूरी
करनाल जिले में केवल एक सप्ताह में चार लोगों की सांप के काटने से मौत हो चुकी है। लगातार बरसात और सावधानी की कमी इस खतरे को और बढ़ा रही है। प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की ओर से अब जागरूकता अभियान की जरूरत है ताकि लोगों को समय पर सही इलाज मिल सके और कीमती जानों को बचाया जा सके।
करनाल में सांप के काटने से महिला की मौत:1 सप्ताह में जा चुकी जाने, इलाज की जगह झाड़-फूंक में किया समय बर्बाद
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