करनाल में सुसाइड के बाद मौत का खुलासा:दुकान पर मिला व्यक्ति का सुसाइड नोट, कमेटी पर दुकान हड़पने और धमकियां देने लगाए आरोप

by Carbonmedia
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करनाल के घरौंडा में एक व्यक्ति की मौत के एक हफ्ते बाद सुसाइड नोट बरामद हुआ है। मृतक की पत्नी का दावा है कि यह सुसाइड नोट उसके पति ने अपनी मौत से पहले लिखा था। मृतक की पत्नी ने अपनी बेटी के साथ किरयाणा की दुकान खोली तो उसके गल्ले में सुसाइड नोट मिला। सुसाइड नोट में कश्यप चौपाल की दुकानों के निर्माण को लेकर बनाई गई कमेटी के सदस्यों पर मानसिक प्रताड़ना व धमकी के आरोप लगाए गए है। मृतक कश्यप चौपाल की दुकान का किरायेदार था। आरोप है कि कमेटी ने दुकान की मरम्मत के नाम पर दुकान को खाली करवाया और लिखित में आश्वासन दिया था कि मरम्मत के बाद दुकान दे दी जाएगी, लेकिन दुकान नहीं दी गई। पीड़ित ने एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर डाला था, जिसको डिलीट करवाने के लिए धमकी दी जा रही थी। आरोप है कि इसी धमकी के चलते व्यक्ति की मौत हुई है। हालांकि परिजनों की तरफ से कोई पोस्टमॉर्टम नहीं करवाया गया था और न ही पुलिस को कोई सूचना दी गई थी। अब मृतक की पत्नी ने पुलिस को शिकायत दी है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। 32 साल से किराए पर चला रहे थे दुकान, दो महीने की शर्त पर खाली करवाई गई थी
घरौंडा के वार्ड नंबर 16 निवासी सतीश कुमार की 3 जून की रात को अचानक मौत हो गई थी। परिजनों की तरफ से पुलिस में कोई शिकायत नहीं दी गई थी और न ही कोई पोस्टमार्टम की प्रक्रिया करवाई गई थी। जिसके अगले दिन ही मृतक का दाह संस्कार कर दिया गया था। मंगलवार को मृतक की पत्नी बिमला अपनी बेटी रजनी के साथ दुकान पर पहुंची, जैसे ही उन्होंने गल्ला खोला तो उसके अंदर से दो पेज का सुसाइड नोट मिला।
मृतक की पत्नी बिमला देवी ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि उसका पति सतीश पिछले 32 वर्षों से कश्यप चौपाल की दुकान में किरयाणा की दुकान चला रहा था। चौपाल कमेटी ने दुकान की मरम्मत के नाम पर उनसे दुकान खाली करवाई और 100 रुपये के स्टांप पेपर पर लिखकर दिया था कि दो महीने बाद वही दुकान वापिस दे दी जाएगी। कमेटी के इस एफिडेविट पर कई सदस्यों के हस्ताक्षर भी थे। लेकिन मरम्मत के बाद दुकान देने के वादे को कमेटी ने नहीं निभाया। दुकान पर लगाया शटर, रोजगार बंद होने से डिप्रेशन में चला गया था सतीश
बिमला देवी का कहना है कि मरम्मत के नाम पर दुकान का लैंटर डलवाने के बाद जब उन्होंने दुकान वापस मांगी, तो कमेटी ने इंकार कर दिया। आरोप है कि बाद में दुकान पर शटर लगाकर उसे हमेशा के लिए बंद कर दिया गया। इससे सतीश का रोजगार छिन गया और वह मानसिक रूप से परेशान रहने लगा। धमकियों से परेशान होकर फेसबुक पर डाला था वीडियो
मृतक की पत्नी का कहना है कि सतीश को लगातार धमकियां मिल रही थीं। कमेटी के सदस्य सुरेंद्र और अन्य लोग आए दिन उसे धमकाते थे कि “तुझे जान से मरवा देंगे, बिरादरी से निकलवा देंगे, तेरे भाई-भतीजों को भी नुकसान पहुंचाएंगे।” इन्हीं दबावों के चलते सतीश ने एक वीडियो फेसबुक पर भी डाली थी, जिसे डिलीट करने के लिए उसे बार-बार धमकाया गया। सुसाइड नोट में आरोपियों के नाम दर्ज, पीड़िता ने सौंपी शिकायत
मृतक द्वारा छोड़े गए सुसाइड नोट में कश्यप चौपाल कमेटी के सदस्यों के नाम स्पष्ट रूप से लिखे हैं। पीड़िता ने इन नामों को पुलिस को सौंपी गई शिकायत में भी शामिल किया है। बिमला देवी का कहना है कि इस साजिश की अगुवाई राजेंद्र कश्यप ने की थी और सभी लोगों ने मिलकर धोखे से दुकान खाली करवाई और बाद में हड़प ली। 2 जून को मिली थी धमकी, 3 जून की रात हुई थी मौत
बिमला देवी के मुताबिक, मौत से एक दिन पहले 2 जून को सतीश दुकान के बाहर खड़ा था, तभी आरोपियों ने वहां पहुंचकर उसे धमकी दी। इस घटना के बाद वह काफी घबराया हुआ था, शरीर में पसीना आ रहा था और कुछ बोल भी नहीं पा रहा था। उसी रात उसकी तबीयत अचानक बिगड़ी और मौत हो गई। मौत के समय नहीं कराया गया था पोस्टमार्टम, न ही दी गई थी पुलिस को सूचना
थाना प्रभारी दीपक कुमार ने बताया कि सतीश कुमार की मौत 3 जून को हुई थी, लेकिन उस समय परिजनों ने पुलिस को कोई सूचना नहीं दी थी और न ही पोस्टमार्टम कराया गया। अब मृतक की पत्नी द्वारा सुसाइड नोट मिलने के बाद शिकायत दी है। सुसाइड नोट को कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है।
थाना प्रभारी ने कहा कि मामला फिलहाल संदिग्ध है और हर एंगल से इसकी जांच की जाएगी। आरोपियों के नाम, एफिडेविट, और फेसबुक वीडियो जैसे सभी सबूतों की पुष्टि के बाद ही कोई कार्रवाई की जाएगी।

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