करनाल के बांसा गांव में एक नाबालिग लड़की की शादी को बालिग होने से महज 18 दिन पहले चाइल्ड वेलफेयर कमेटी (CWC)की टीम ने रुकवा दिया। शादी की सभी तैयारियां पूरी हो चुकी थीं और बारात आने ही वाली थी, लेकिन टीम ने समय रहते पहुंचकर लड़की को रेस्क्यू कर लिया। नाबालिग के परिवार वालों ने भी कमेटी को भरोसा दिलाया है कि वे अब शादी नहीं करेंगे। वहीं सीडब्ल्यूसी के चेयरमैन उमेश चानना ने इस मामले को लेकर गांवों में सख्ती बरतने के संकेत दिए हैं और कहा है कि अब सरपंचों को विशेष निर्देश दिए जाएंगे कि वे हर शादी से पहले लड़की की उम्र की जांच सुनिश्चित करें। गुप्त सूचना के बाद हरकत में आई टीम
बांसा गांव में रविवार को दो बहनों की शादी होनी थी। दोनों की एक ही दिन बारात आनी थी। इसी दौरान चाइल्ड वेलफेयर कमेटी के चेयरमैन उमेश चानना को गुप्त सूचना मिली कि जिन दो लड़कियों की शादी हो रही है, उनमें से एक नाबालिग है। सूचना मिलते ही सीडब्ल्यूसी की टीम अलर्ट हो गई और तुरंत पुलिस के साथ गांव पहुंची। उस समय तक बारात नहीं पहुंची थी। टीम ने सबसे पहले लड़की के जन्म प्रमाण पत्र व 10वीं कक्षा की मार्कशीट की जांच की। 10वीं के डॉक्यूमेंट में हुआ खुलासा
जांच के दौरान यह सामने आया कि छोटी लड़की की उम्र अभी 18 साल नहीं हुई है। उसकी जन्मतिथि के अनुसार वह बालिग होने से 18 दिन पीछे है। ऐसे में मामला बाल विवाह की श्रेणी में आ गया। टीम ने तुरंत परिवार को समझाया कि यह कानूनी अपराध है और इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं। परिवार ने तत्काल शादी रोकने का निर्णय लिया और लड़की की शादी नहीं करने का लिखित आश्वासन दिया। छोटी लड़की को किया रेस्क्यू, बड़ी की शादी होगी
चेयरमैन उमेश चानना ने बताया कि बड़ी लड़की की शादी होने दी जाएगी, लेकिन छोटी लड़की को वहीं नहीं छोड़ा जाएगा। उसे रेस्क्यू किया जा रहा है ताकि दोबारा ऐसा प्रयास न हो। साथ ही जहां से बारात आने वाली थी, उन्हें भी स्थिति से अवगत करा दिया गया है ताकि किसी भी तरह की असमंजस की स्थिति न बने। अब सरपंचों को दिए जाएंगे सख्त दिशा निर्देश
सीडब्ल्यूसी चेयरमैन उमेश चानना ने बताया कि गांवों में बाल विवाह पर अंकुश लगाने के लिए सरपंचों की भूमिका महत्वपूर्ण है। गांव का सरपंच सीडब्ल्यूसी की ग्रामीण स्तर की कमेटी का चेयरमैन होता है। ऐसे में अब उन्हें भी निर्देश दिए जाएंगे कि जब भी किसी लड़की की शादी हो, तो उसका जन्म प्रमाण पत्र अवश्य चेक करें। यदि किसी भी तरह की उम्र संबंधी संदेह हो तो उसे जांच के बाद ही शादी की अनुमति दी जाए। इससे बाल विवाह के मामलों को जड़ से रोका जा सकेगा। बाल विवाह सामाजिक बुराई ही नहीं, बड़ा अपराध भी: उमेश चानना
उमेश चानना ने कहा कि बाल विवाह न सिर्फ एक सामाजिक बुराई है, बल्कि यह कानूनन अपराध भी है। ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई की जाती है। उन्होंने आमजन से अपील की कि वे बच्चों की शादी केवल उनकी उम्र पूरी होने के बाद ही करें, वरना कानून की नजर में दोषी माने जाएंगे। पुलिस अधिकारी बोले- कानून के तहत होगी कार्रवाई
मौके पर मौजूद पुलिस अधिकारी कुलदीप ने कहा कि टीम ने समय पर पहुंचकर शादी को रुकवाया है। नाबालिग लड़की को रेस्क्यू किया गया है। अब नियमानुसार बाल विवाह अधिनियम के तहत आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
करनाल में CWC ने बारात पहुंचने से पहले की कार्रवाई:18 दिन बाद होती बालिग, नाबालिग की शादी रुकवाकर किया रेस्क्यू
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