करनाल यमुना में अचानक आया पानी:​​​​​​​कवाला एरिया में तीन डंफर और एक जेसीबी डूबी, रात ढाई बजे सो रहे ड्राइवर छत पर चढ़े

by Carbonmedia
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करनाल के ढाकवाला क्षेत्र में सोमवार की दरमियानी रात यमुना में अचानक पानी आ गया, जिससे यमुना में रेत भरवाने के लिए खड़ी तीन डंफर गाड़ियां और एक जेसीबी मशीन पानी में डूब गई। पानी का स्तर इतना तेजी से बढ़ा कि डंफरों में सो रहे ड्राइवरों को भागने तक का मौका नहीं मिला। जैसे ही गाड़ियों में पानी भरना शुरू हुआ, ड्राइवर तुरंत जागे और डंफरों की छतों पर चढ़ गए। इसके बाद साथी कर्मचारियों को फोन कर मौके पर बुलाया गया। किश्ती से तीन ड्राइवरों का समय रहते रेस्क्यू
गनीमत रही कि ड्राइवर समय पर जाग गए और उन्होंने खुद को डंफरों की छतों पर सुरक्षित कर लिया। सूचना मिलते ही साथी कर्मचारी किश्ती लेकर पहुंचे और तीनों ड्राइवरों को सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया गया। घटना रात करीब ढाई बजे की है जब यमुना में पहाड़ी इलाकों से बरसात का पानी अचानक करनाल की तरफ आया। माइनिंग एरिया में खड़ी थी मशीनें
ढाकवाला एरिया हरियाणा और यूपी की सीमा से सटा है, जहां यमुना में रेत खनन (माइनिंग) का कार्य चल रहा है। रोजाना सुबह जल्दी नंबर लगाने के लिए ड्राइवर अपनी गाड़ियां रात को ही यमुना के अंदर खड़ी कर देते हैं और गाड़ियों में ही सो जाते हैं। रविवार रात भी ऐसा ही हुआ। लेकिन इस बार हालात बदल गए। पानी तेजी से आया और पूरी साइट को अपनी चपेट में ले लिया। पहले मिलता था हथिनीकुंड बैराज से अलर्ट
घटना पर माइनिंग साइट के सुपरवाइजर लख्मीचंद ने बताया कि आमतौर पर हथिनीकुंड बैराज से अलर्ट आता है कि पानी छोड़ा जा रहा है, लेकिन इस बार कोई अलर्ट नहीं आया। उन्होंने कहा कि रात ढाई बजे ड्राइवरों ने कॉल करके स्थिति की जानकारी दी और बताया कि यमुना में पानी आ गया है। जब तक कोई कुछ समझ पाता, डंफर और जेसीबी पानी में डूब चुके थे। पॉकलेन मशीनों की मदद से जेसीबी और डंफरों को निकाला गया बाहर
बाद में प्रशासन और साइट कर्मियों की मदद से पानी में फंसे डंफरों और जेसीबी को निकाला गया। इसके लिए पॉकलेन मशीनों की सहायता ली गई। पहले पॉकलेन से जेसीबी और डंफरों तक रेत डालकर रास्ता तैयार किया गया। फिर एक-एक करके गाड़ियों को टॉचन करके बाहर निकाला गया। करीब दो घंटे तक यह रेस्क्यू ऑपरेशन चला। माइनिंग का काम आज सुबह 7 बजे बंद करवा दिया गया
यमुना का जलस्तर बढ़ने के बाद माइनिंग साइट पर स्थित सभी मशीनों और कर्मचारियों को हटाया गया और माइनिंग का कार्य सोमवार शाम 7 बजे पूरी तरह से बंद कर दिया गया। साइट पर किसी भी प्रकार की नई एंट्री रोक दी गई है ताकि कोई नया हादसा न हो। कई सवालों के घेरे में अलर्ट सिस्टम
इस पूरे घटनाक्रम ने प्रशासन के अलर्ट सिस्टम पर सवाल खड़े कर दिए हैं। जहां पहले हथिनीकुंड बैराज से पानी छोड़े जाने की सूचना आती थी, इस बार बिना किसी सूचना के अचानक पानी आ गया और बड़ी घटना होते-होते बची। यदि ड्राइवर समय पर न जागते, तो जानमाल का नुकसान भी हो सकता था।

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