करनाल सीएम ने साधा राहुल गांधी पर निशाना:बोले, बच्चों जैसी बात करते है, संविधान खतरे में नहीं, खतरे में वे लोग जो सत्ता से बाहर हो चुके

by Carbonmedia
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करनाल में सीएम नायब सैनी ने पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि किसी भी नेता को कार्यक्रमों से दूर नहीं रखा गया। उन्होंने कहा कि कुछ नेताओं की अपनी व्यक्तिगत व्यवस्थाएं हो सकती हैं। आज का दिन 140 करोड़ देशवासियों को विभाजन और आपातकाल की विभीषिका याद दिलाने का दिन है। यह वह दौर था जब लाखों लोगों ने अत्याचार सहे, बेटियों के साथ दरिंदगी हुई, और परिवार बिछड़ गए। उन्होंने कहा कि हमें यह समझना होगा कि देश का विभाजन किनकी गलती से हुआ और ऐसी परिस्थितियां दोबारा न आएं, इसके लिए उस इतिहास को याद करना जरूरी है। राहुल गांधी पर तीखा वार – बच्चों जैसी बातें करते हैं
सीएम सैनी ने राहुल गांधी पर भी निशाना साधा और कहा कि वे कहते थे कि भाजपा सत्ता में आई तो संविधान खतरे में पड़ जाएगा। लेकिन अब उन्हें अपने गिरेबां में झांकने की जरूरत है। सीएम ने कहा कि राहुल गांधी बच्चों जैसी बातें करते हैं, जिन्हें देश की जनता भलीभांति समझ चुकी है। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने संविधान को हमेशा एक राजनीतिक औजार की तरह इस्तेमाल किया और जब मन आया, इसे तोड़-मरोड़ कर पेश किया। संविधान पर खतरे का भ्रम फैला रही कांग्रेस – देश संविधान के अनुरूप चल रहा है
सीएम ने कहा कि आज विपक्षी दल खासकर कांग्रेस संविधान की किताब उठाकर गली-गली घूम रही है और यह भ्रम फैला रही है कि मोदी सरकार तीसरी बार आई तो संविधान खत्म हो जाएगा। उन्होंने कहा कि संविधान खतरे में नहीं है, बल्कि वह पूरी मजबूती से लागू है। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ लोग प्रोपेगेंडा फैला रहे हैं और जनता में भ्रम पैदा कर रहे हैं। ऐसे प्रयासों से सावधान रहने की जरूरत है। एसटीएफ के एनकाउंटर सवाल पर बोले सीएम – गलत करने वाले को भुगतना होगा
हरियाणा में अपराधियों के एनकाउंटर पर भी सीएम ने बयान दिया। उन्होंने कहा कि पुलिस अपनी प्रक्रिया के अनुसार काम कर रही है। लेकिन लॉ एंड ऑर्डर को मजबूत बनाए रखना सरकार की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में हर व्यक्ति निडर होकर काम करे, यह सरकार का लक्ष्य है। लेकिन जो व्यक्ति गलत करेगा, वह उसका परिणाम भुगतेगा। बिजली दरों पर कांग्रेस का विरोध खोखला – खुद के कार्यकाल की याद दिलाई
बिजली दरों को लेकर कांग्रेस द्वारा किए जा रहे विरोध पर सीएम ने तंज कसते हुए कहा कि जो आज कपड़े फाड़ रहे हैं, उन्हें अपने कार्यकाल को याद करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस शासन में बिजली की दरें कहीं ज्यादा थीं और आम जनता पर बड़ा बोझ डाला गया था। मौजूदा सरकार ने तो सरचार्ज तक माफ कर दिए हैं। ऐसे में कांग्रेस का प्रदर्शन केवल राजनीतिक ड्रामा है। इमरजेंसी के 21 महीनों को बताया सबसे काला दौर – सैकड़ों लोग जेल में सड़े
25 जून 1975 को लगे आपातकाल को याद करते हुए सीएम सैनी ने कहा कि यह आजादी के बाद देश का सबसे बड़ा संवैधानिक संकट था। उस समय लोकतंत्र की हत्या कर दी गई थी और हजारों लोगों को जेलों में डाल दिया गया था। उन्होंने कहा कि 21 महीने तक लोग बिना किसी अपराध के जेलों में सड़ते रहे और कई परिवार घरों से भागे-छिपे रहे। उन्होंने इस पूरे घटनाक्रम के लिए सीधे तौर पर कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया। हरियाणा भी लोकतंत्र की लड़ाई में आगे रहा – नेताओं ने जेल में सहे अत्याचार
सीएम ने कहा कि हरियाणा के लोगों ने भी लोकतंत्र की रक्षा के लिए अहम योगदान दिया। उन्होंने जननायक देवीलाल, डॉ. मंगलसेन और कई अन्य नेताओं का नाम लेते हुए कहा कि उन्होंने जेल में तरह-तरह के अत्याचार सहे। यह सब कांग्रेस की सत्ता की लालच का नतीजा था। उन्होंने यहां तक कह दिया कि कांग्रेस के अत्याचार अंग्रेजों से भी ज्यादा थे। किताबें लेकर घूमने वाले पहले गिरेबां में झांकें – क्या कभी माफी मांगी?
सीएम ने कांग्रेस पर करारा तंज कसते हुए कहा कि जो लोग आज संविधान की किताब लेकर घूम रहे हैं, उन्होंने ही कभी संविधान और डॉ. अंबेडकर का सम्मान नहीं किया। इन लोगों ने केवल अपने परिवार का सम्मान करना सीखा है। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या इन लोगों ने कभी आपातकाल के लिए देश से माफी मांगी? क्या 1984 के सिख दंगों पर शर्मिंदगी जताई? 25 जून सिर्फ तारीख नहीं, संविधान पर हमला था – इसे कभी नहीं भूल सकते
सीएम सैनी ने कहा कि 25 जून एक सामान्य तारीख नहीं है, यह वह दिन है जब लोकतंत्र का गला घोंटा गया था। इस दिन को संविधान हत्या दिवस के रूप में याद किया जाता है। उन्होंने कहा कि संविधान देश का सर्वोच्च कानून है और इसकी रक्षा करना हर नागरिक का कर्तव्य है। यह काम केवल किसी पार्टी का नहीं बल्कि पूरे देश का है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को संविधान से नहीं, बल्कि सत्ता से बाहर होने का खतरा है। संदेश साफ – लोकतंत्र की रक्षा के लिए जनता को सच से परिचित होना जरूरी
सीएम का स्पष्ट संदेश था कि जनता को यह जानने की जरूरत है कि असली खतरा संविधान को नहीं, बल्कि उन लोगों को है जो अपनी राजनीति बचाने के लिए संविधान का नाम ले रहे हैं। उन्होंने लोगों से अपील की कि इतिहास को याद रखें ताकि भविष्य में वैसी त्रासदी दोबारा न हो।

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