हरियाणा के कैथल जिले के कलायत कस्बे के खरक पांडवा गांव में एक नौजवान किसान ने पॉली हाउस में खीरे की खेती कर सफलता हासिल की है। पॉली हाउस में खीरे की खेती से सालाना 10 लाख रुपए तक का मुनाफा संभव है। किसान संदीप ने बताया कि पारंपरिक धान-गेहूं की खेती में 10 एकड़ जमीन से भी 4-5 लाख रुपए की वार्षिक बचत मुश्किल है, लेकिन नई तकनीक से खीरे की खेती में प्राकृतिक आपदाओं का जोखिम कम है और मुनाफा भी अधिक है। उपज दूर की मंडियों में बेचनी पड़ रही किसान संदीप ने बताया कि कलायत क्षेत्र में करीब 500 पॉली हाउस हैं, लेकिन यहां न तो मंडी है और न ही कोल्ड स्टोरेज की सुविधा। इस कारण किसानों को अपनी उपज दूर की मंडियों में बेचनी पड़ती है। किसान जो खीरा 10 रुपए किलो में बेचता है, वही बिचौलियों के कारण ग्राहकों तक 40 रुपए किलो पहुंचता है। बाजार में नियमित रूप से उपलब्ध स्थानीय मंडी और कोल्ड स्टोरेज की सुविधा होने से किसान अपनी उपज को सुरक्षित रख सकेंगे। इससे सब्जियां ताजी रहेगी और बाजार में नियमित रूप से उपलब्ध होगी। युवा किसानों को इस क्षेत्र में आने से पहले खर्च और चुनौतियों की जानकारी लेनी चाहिए। सही जानकारी और मेहनत से वे इस क्षेत्र में सफल हो सकते हैं।
कलायत में खीरे की खेती से 10 लाख का मुनाफा:मंडी और कोल्ड स्टोरेज की कमी, किसान-ग्राहक दोनों परेशान, बिचौलियों की मनमानी
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