कैथल जिले में स्थित प्रसिद्ध धार्मिक स्थल फकीर बाबा नौगाजा पीर धाम में सदियों पुरानी मुर्गा बलि की प्रथा पर पूर्ण विराम लग गया है। महंत मुनि महाराज ने इस पाखंड के विरुद्ध कड़ा निर्णय लेते हुए धार्मिक स्थल पर शराब व अन्य नशीले पदार्थों पर भी रोक लगा दी है। कलायत के नौगाजा पीर दरगाह में महंत मुनि महाराज ने कहा कि फकीर बाबा नौगजा पीर धार्मिक स्थल सर्व धर्म एकता का प्रतीक है, जहां हिंसा और पाखंड का कोई स्थान नहीं है। उन्होंने स्पष्ट किया कि जानवरों की बलि एक अमानवीय कृत्य है और इससे किसी भी देवी-देवता को प्रसन्न नहीं किया जा सकता। उनके अनुसार यह प्रथा भले ही सदियों पुरानी हो, लेकिन इसका कोई धार्मिक या आध्यात्मिक महत्व नहीं है। नौ गज लंबी इस ऐतिहासिक दरगाह में देश-प्रदेश के कोने-कोने से श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। मान्यता है कि प्राचीन काल में बाबा नौगजा पीर ने इसी स्थान पर जन कल्याण के लिए तपस्या की थी। यहां प्रतिवर्ष रोशनी वार्षिक उत्सव का आयोजन किया जाता है। महंत ने हरियाणा में नशा मुक्ति अभियान को गति देने के लिए धार्मिक स्थल पर शराब व अन्य नशीले पदार्थों पर भी प्रतिबंध लगाया है। उनका कहना है कि धार्मिक स्थलों की पवित्रता बनाए रखना आवश्यक है और नशा करना धार्मिक मान्यताओं के विपरीत है।
कलायत में नौगाजा पीर दरगाह में मुर्गा बलि पर प्रतिबंध:महंत बोले- यहां हिंसा-पाखंड का कोई स्थान नहीं; नशीले पदार्थों पर भी रोक
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