कैथल जिले के कलायत स्थित प्राचीन कपिल मुनि सरोवर में सरस्वती नदी के जल स्रोत की पहचान के बावजूद विकास कार्य ठंडे बस्ते में पड़ा है। सरोवर में वर्षों से सरस्वती का पवित्र जल प्रवाहित हो रहा है। पिछले वर्ष 11 अप्रैल को सरस्वती बोर्ड के डिप्टी चेयरमैन धूमन सिंह किरमच ने स्थल का दौरा किया था। उन्होंने घाट निर्माण और कुएं की खुदाई का आश्वासन दिया। 2005 में सरस्वती की प्रकट हुई थी धारा किरमच ने स्वयं सरोवर में उतरकर पानी के पांच नमूने लिए। इस दौरान हरियाणा विमुक्त जाति विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष जसवंत पठानियां और भाजपा मंडल अध्यक्ष राजीव राणा भी मौजूद थे। प्राचीन कपिल मुनि तीर्थ सरस्वती के प्राचीनतम पै लियो चैनल पर स्थित है। 2005 में यहां सरस्वती की धारा प्रकट हुई थी। तब ओएनजीसी के निदेशक डॉ. ए.के. गुप्ता और डॉ. कल्याण रमण ने स्थल का निरीक्षण किया। खुदाई की योजना अभी तक लागू नहीं इसरो निदेशक डॉ. बी.के. भद्रा की रिपोर्ट में सैटेलाइट चित्रों से पुष्टि की गई कि यह सरस्वती का प्राचीन रास्ता है। सरस्वती बोर्ड के डिप्टी चेयरमैन ने बताया कि वे इस मामले में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से नियमित चर्चा करते रहे हैं। ओएनजीसी और इसरो के साथ मिलकर यहां कुएं की खुदाई की योजना अभी तक लागू नहीं हो पाई है।
कलायत में प्राचीन सरोवर की विकास योजना अटकी:ओएनजीसी का कुआं खुदाई कार्य नहीं पूरा, बोर्ड डिप्टी चेयरमैन कर चुके दौरा
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