कविंदर गुप्ता बने लद्दाख के नए उपराज्यपाल, संभाला पदभार

by Carbonmedia
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भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के वरिष्ठ नेता कविंदर गुप्ता ने शुक्रवार (18 जुलाई) को केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के तीसरे उपराज्यपाल के रूप में आधिकारिक रूप से पदभार ग्रहण कर लिया. लेह स्थित लद्दाख राज निवास में आयोजित एक औपचारिक समारोह में जम्मू-कश्मीर और लद्दाख उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति अरुण पल्ली ने उन्हें पद की शपथ दिलाई.
मुख्य सचिव पवन कोतवाल ने इस सप्ताह की शुरुआत में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा जारी राष्ट्रपति पद का नियुक्ति पत्र पढ़ा. गुप्ता ब्रिगेडियर बी.डी. मिश्रा का स्थान लेंगे, जिन्होंने 2019 में पुनर्गठन के बाद लद्दाख के पहले उपराज्यपाल आर.के. माथुर के कार्यकाल के बाद फरवरी 2024 में पदभार संभाला था.

I wish to thank the Honorable President of India for reposing faith in me . I thank the Hon’ble Chief Justice, Jammu &Kashmir and Ladakh High Court for swearing me in as Lieutenant Governor of Ladakh.I thank all the elected representatives, public officials, society, the… pic.twitter.com/gfhxzkxAeU
— Kavinder Gupta (@KavinderGupta) July 18, 2025

लगातार तीन कार्यकालों तक जम्मू के मेयर के रूप में कार्य किया
66 वर्षीय गुप्ता जम्मू के एक अनुभवी राजनीतिक व्यक्ति हैं, जिन्होंने सरकार और पार्टी दोनों ही संरचनाओं में विभिन्न प्रमुख पदों पर कार्य किया है. एक जमीनी स्तर के नेता, उन्होंने 2005 से 2010 के बीच लगातार तीन कार्यकालों तक जम्मू के मेयर के रूप में कार्य किया और बाद में 2018 में बीजेपी-पीडीपी गठबंधन सरकार के दौरान जम्मू-कश्मीर के उपमुख्यमंत्री बने. बीजेपी द्वारा महबूबा मुफ़्ती के नेतृत्व वाली सरकार से समर्थन वापस लेने के बाद उनका इस्तीफा आया.
बीजेपी की राज्य इकाई के महासचिव रह चुके हैं
जम्मू-कश्मीर विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष गुप्ता 2014 में गांधी नगर से वरिष्ठ कांग्रेस नेता रमन भल्ला को हराकर निर्वाचित हुए थे. अपने संगठनात्मक कौशल के लिए जाने जाने वाले गुप्ता इससे पहले बीजेपी की राज्य इकाई के महासचिव रह चुके हैं और 1993 से 1998 तक दो कार्यकालों तक भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) का नेतृत्व भी किया.
विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के सचिव भी रह चुके हैं
उनकी राजनीतिक यात्रा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से शुरू हुई और अपनी वैचारिक संबद्धता के कारण आपातकाल के दौरान उन्हें एक वर्ष से अधिक समय तक जेल में भी रहना पड़ा. गुप्ता विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के सचिव भी रह चुके हैं.
लद्दाख के उपराज्यपाल के रूप में उनकी नियुक्ति को रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण केंद्र शासित प्रदेश में प्रशासनिक निरंतरता और राजनीतिक भागीदारी को मज़बूत करने के एक कदम के रूप में देखा जा रहा है, जिससे नीतिगत स्थिरता और विकास-केंद्रित शासन की उम्मीदें बढ़ रही हैं.

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