शादी के बाद पेरेंट्स बनने का सुख हर कपल देखना चाहता है. लेकिन शादी के कई साल बाद तक भी जब कोई ‘गुड न्यूज’ नहीं मिलती है तो टेंशन होने लगती है. डाॅक्टर के क्लीनिक की ओर रुख किया जाता है. इसके लिए महिलाओं से कहा जाता है कि वह डाॅक्टर से कंसल्ट करें. लेकिन कई बार प्राॅब्लम मेल में सामने आती है. इनफर्टिलिटी के चलते पापा बनने का सपना मुश्किल लगने लगता है. आखिर ये समस्या क्यों तेजी से बढ़ रही है और इनफर्टिलिटी की प्राॅब्लम से किस तरह बचा जा सकता है? आइए जानते हैं…
पहले ये समझिए इनफर्टिलिटी क्या है?
इंफर्टिलिटी का पता लगाने का सबसे आसान तरीका है कि अगर कोई कपल एक साल या उससे अधिक समय से फिजिकल रिलेशन बना रहा है, लेकिन बच्चे का सपना पूरा नहीं हो पा रहा है तो यानी कोई दिक्कत है. इनफर्टिलिटी की प्राॅब्लम तेजी से मेल में बढ़ रही है. सिर्फ उम्र बढ़ने के साथ ही ये समस्या को देखने को नहीं मिल रही है, बल्कि युवा भी इसकी चपेट में आ रहे हैं. एक स्टडी के मुताबिक पिछले 46 वर्षों में दुनिया में 50 परसेंट से अधिक स्पर्म काउंट कम हुआ है.
इनफर्टिलिटी की चपेट में आने की वजह
- प्रोसेस्ड एंड हाई फैट फूड्स: खानपान का असर सीधा हमारे शरीर पर पड़ता है. प्रोसेस्ड मीट जैसे बैकन, साॅसेज, हाॅट डाॅग और फास्ट फूड से शरीर में सैचुरेटेड फैट पहुंचता है, जिसका असर स्पर्म क्वालिटी पर पड़ता है. इस तरह के फूड बाॅडी में टेस्टोस्टेरोन का लेवन घटाते हैं, जिससे स्पर्म मॉर्फोलॉजी में बदलाव देखने को मिलते हैं. जिसके चलते इनफर्टिलिटी की समस्या देखने को मिल सकती है.
- अल्कोहल: शराब का असर बाॅडी में फर्टिलिटी पर पड़ता है. इसका सेवन स्पर्म के प्रोडक्शन पर असर डालता है, जिससे इनफर्टिलिटी की समस्या बढ़ सकती है.
- स्मोकिंग: स्मोकिंग स्वास्थ्य के लिए हानिकारक मानी जाती है. लेकिन इसका स्पर्म पर बुरा असर पड़ता है. स्मोकिंग बाॅडी में स्पर्म के डीएनए को डैमेज कर इसकी संख्या घटाती है.
- पोषक तत्वों की अनदेखी: फर्टिलिटी के लिए जरूरी डाइट को लेकर मेल अवेयर नहीं होते. ऐसे में इन पोषक तत्वों की कमी हो जाती है, जिससे स्पर्म काउंट गिरने लगता है. जिंक, सेलेनियम और फोलेट जैसे तत्व बाॅडी में स्पर्म प्रोडक्शन में मददगार होते हैं.
इस तरह बूस्ट करें स्पर्म क्वालिटी
- एंटीऑक्सिडेंट्स: एंटीऑक्सिडेंट्स बाॅडी में सीमन के सबसे अच्छे दोस्त होते हैं. क्लीनिकल स्टडी के अनुसार विटामिन सी, विटामिन ई, लायकोपेन जैसे पोषक तत्व स्पर्म कंसन्ट्रेशन और टिलिटी को इंप्रूव करने में मदद करते हैं.
- वजन कंट्रोल रखें: मोटापा शरीर में कई समस्याओं को जन्म दे सकता है. ये इनफर्टिलिटी की समस्या भी बन सकता है. अधिक वजन होने से मेल में टेस्टोस्टेरोन का लेवल कम हो सकता है और एस्ट्रोजन बढ़ सकता है, जिसका सीधा असर सीमन क्वालिटी पर देखने को मिल सकता है.
- स्मोकिंग और अल्कोहल: स्पर्म क्वालिटी में सुधार के लिए स्मोकिंग और अल्कोहल के सेवन से बचना चाहिए.
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