कानपुर के निलंबित CMO ने DM पर लगाए थे गंभीर आरोप, अब जिलाधिकारी जेपी सिंह ने दिया जवाब

by Carbonmedia
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UP News: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हस्तक्षेप के बाद कानपुर में डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह और सीएमओ डॉ. हरिदत्त नेमी के बीच महीनों से चल रहा विवाद आखिरकार खत्म हो गया. सीएम योगी के दखल के बाद विवादों में घिरे सीएमओ डॉ. हरिदत्त नेमी को उनके पद से हटा दिया गया है. अब सस्पेंड हुए सीएमओ डॉ हरि दत्त नेमी ने जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप पर गंभीर आरोप लगाए हैं.
जिलाधिकारी पर आरोप लगाते हुए सस्पेंड हुए सीएमओ डॉ हरिदत्त नेमी ने कहा कि डीएम मीटिंग के दौरान जाति सूचक गाली देते थे. मीटिंग के दौरान मेरे सिर पर डीएम ने थप्पड़ मारा. सीबीआई से चार्जशीट राजेश शुक्ल का पेमेंट रोकने पर डीएम ने षड्यंत्र रचा. सामान नहीं दिया, इसलिए पेमेंट रोका डीएम लगातार दबाव बना रहे थे कि पेमेंट करो.  सामान का बैच अलग होने की जानकारी मैंने चिट्ठी लिखकर डीएम जितेंद्र प्रताप को दी.
इसके साथ ही डॉ हरि दत्त नेमी ने कहा कि SFO वंदना सिंह फोन करके चिट्ठी लिखकर दबाव बनाती थीं कि राजेश शुक्ल को पेमेंट कर दो. उन्होंने कहा कि मुझे साजिश के तहत फंसाया गया. डीएम मुझ पर लगातार सिस्टम में आने का दबाव बनाते थे, जिसकी शिकायत प्रमुख सचिव को मेल से और WhatsApp पर दी. फिर भी डीएम ने साजिश कर मुझे फंसाया. डॉ हरि दत्त नेमी ने कहा कि मैं अनुसूचित जाति का हूं इसलिए मुझे जाति सूचक सब जिलाधिकारी कहा करते थे.
वहीं डॉ हरि दत्त नेमी के आरोपों पर कानपुर जिला अधिकारी ने अपने ऊपर लगे आरोपों का जवाब दिया है. उन्होंने कहा शासन द्वारा सम्यक विचारोपरांत निर्णय के उपरांत निलंबित अधिकारी द्वारा निर्णय पर प्रतिकूल टिप्पणी करना और सभी अधिकारियों पर असत्य और नितांत निराधार आरोप लगाना घोर अनुशासनहीनता है. समस्त तथ्यों से सक्षम स्तर को अवगत कराते हुए आवश्यक वैधानिक कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी.
योगी सरकार के इस फैसले को अखिलेश के चाचा ने बताया काला आदेश, कहा- जनहित में तुरंत लें वापस

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