कानपुर नगर CMO vs CMO मामले में नया मोड़, डॉक्टर उदयनाथ ने बढ़ाई डॉ. हरिदत्त की मुश्किलें

by Carbonmedia
()

उत्तर प्रदेश स्थित कानपुर नगर में मुख्य चिकित्साधिकारी के मामले ने नया रुख अख्तियार कर लिया है. डॉक्टर हरिदत्त नेमी के निलंबन और मुख्यालय से अटैच होने के बाद मुख्य चिकिस्ताधिकारी का कार्यभार संभालने वाले डॉक्टर उदयनाथ ने एक कार्यालय ज्ञापन जारी किया है. इसमें स्पष्ट कहा गया है कि डॉक्टर हरिदत्त नेमी से कोई दस्तखत न कराया जाए और न ही वह सरकारी गाड़ी का बिना अनुमति इस्तेमाल करेंगे. पत्र में यह भी कहा गया है कि अगर कोई भी आदेशों का पालन नहीं करेगा, उसके खिलाफ कार्रवाई होगी.
कार्यालय ज्ञाप में लिखा गया है कि- प्रमुख सचिव, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, उप्र शासन के कार्यालय ज्ञाप संख्या-5-2001 (010)/1/2022 चिकि०अनुभाग-2 1/1020194/2025 दिनांक 09.07.2025 के द्वारा डॉ. हरिदत्त नेमी (वरि०क0-10182) तत्कालीन मुख्य चिकित्साधिकारी, कानपुर नगर सम्प्रति निलम्बित एवं सम्बद्ध कार्यालय महानिदेशक, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं, उप्र लखनऊ को निर्गत आरोप पत्र जो अधोहस्ताक्षरी को पृष्ठांकित है, के कम में शासन के उपरोक्त आदेश में उल्लिखित निर्देशानुसार निदेशक (प्रशासन), चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं, उप्र लखनऊ को जांच अधिकारी नामित किया गया है.
कानपुर में CMO VS CMO: डॉ. हरीदत्त दफ्तर में, डॉ. उदयनाथ निरीक्षण पर, सवाल- कब सुलझेगा मामला?
‘आप स्वयं जिम्मेदार होंगे…’डॉ. उदयनाथ द्वारा हस्ताक्षरित कार्यालय ज्ञाप में लिखा गया है- उपरोक्त शासनादेश के अनुपालनार्थ समस्त अपर मुख्य चिकित्साधिकारी / उप मुख्य चिकित्साधिकारी / चिकित्सा अधीक्षक/ वरिष्ठ वित्त एवं लेखाधिकारी, जिला प्रशासनिक अधिकारी, लेखाकार, समस्त पटल सहायक, वाहन चालक एवं आशुलिपिक को निर्देशित किया जाता है कि निदेशक (प्रशासन), चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं, उप्र लखनऊ के स्तर से डॉ. हरिदत्त नेमी की प्रचलित जांच प्रकिया पूर्ण होने तक कोई भी आदेश, शासन व महानिदेशालय को पत्राचार, डाक डिस्पैच/रिसीव, डाक मार्किंग, कोई भी अवकाश अनुमन्यता, टेण्डर प्रकिया से सम्बन्धित अभिलेखों पर डॉ. हरिदत्त नेमी से हस्ताक्षर न कराए जाएं तथा कार्यालय के समस्त कार्य (ईमेल, डाक डिस्पैच, रिसीव, वित्तीय, राजकीय वाहन का उपभोग) अधोहस्ताक्षरी के निर्देशानुसार ही संपादित कराए जाएं.
कार्यलाय ज्ञाप के अंत में लिखा गया है कि-  उपरोक्त शासनादेश में उल्लिखित निर्देशों का अनुपालन न करने पर सम्बन्धित को डॉ. हरिदत्त नेमी की प्रचलित जांच प्रकिया में संलिप्तता मानते हुए सक्षम स्तर से नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी, जिसके लिए आप स्वयं जिम्मेदार होंगे.

How useful was this post?

Click on a star to rate it!

Average rating / 5. Vote count:

No votes so far! Be the first to rate this post.

Related Articles

Leave a Comment