उत्तर प्रदेश स्थित कानपुर में 9 जुलाई, बुधवार को उस वक्त असमंजस की स्थिति पैदा हो गई जब डॉक्टर हरीदत्त नेमी दोबारा बतौर सीएमओ अपने दफ्तर पहुंच गए. इस दौरान उनके बगल ही बीते दिनों नियुक्त किए गए सीएमओ डॉक्टर उदयनाथ भी मौजूद थे.
कानपुर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. हरिदत्त नेमी ने आज अपने कार्यालय में दोबारा कार्यभार ग्रहण कर लिया है. यह घटनाक्रम इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच द्वारा उनके निलंबन और स्थानांतरण पर अंतरिम रोक लगाए जाने के एक दिन बाद सामने आया है.
डॉ. नेमी का कानपुर के जिलाधिकारी (डीएम) जितेंद्र प्रताप सिंह के साथ लंबे समय से विवाद चल रहा था, जिसके चलते उन्हें 19 जून 2025 को निलंबित कर लखनऊ में महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवा से संबद्ध कर दिया गया था. उनकी जगह श्रावस्ती के अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. उदयनाथ को कानपुर का नया सीएमओ नियुक्त किया गया था.
मौजूदा सीएमओ उदयनाथ ने क्या कहा?इस संदर्भ में जब पत्रकारों ने कानपुर सीएमओ उदयनाथ से बात की तो उन्होंने कहा कि डॉ. हरिदत्त नेमी ने हाईकोर्ट के निर्देश पर कार्यभार संभाला है. कोर्ट का आदेश प्रमुख सचिव के जरिए आना चाहिए था. मेरे स्थानांतरण का आदेश प्रमुख सचिव से आया था. प्रमुख सचिव के आदेश पर कुछ होगा. फिलहाल मैं सीएमओ हूं.
हाईकोर्ट ने फैसले में क्या कहा?इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने कानपुर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉक्टर हरिदत्त नेमी के निलंबन पर रोक लगा दी है. नेमी को जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह के साथ विवाद के बाद राज्य सरकार ने निलंबित कर दिया था.
अदालत द्वारा सोमवार को दिये गये आदेश के अनुसार अदालत ने राज्य सरकार को अपना जवाबी हलफनामा दाखिल करने के लिए चार सप्ताह का समय दिया है. हाईकोर्ट की जस्टिस मनीष माथुर की पीठ ने 8 जुलाई 2025 को डॉ. नेमी के निलंबन आदेश को नियम-विरुद्ध मानते हुए अगली सुनवाई तक इस पर रोक लगा दी.
डॉ. नेमी ने क्या कहा?कोर्ट ने माना कि निलंबन की प्रक्रिया में उचित विभागीय जांच और सुनवाई का पालन नहीं किया गया. इस फैसले के बाद डॉ. नेमी ने कहा, “हाई कोर्ट का यह आदेश प्रशासनिक कार्रवाइयों में निष्पक्षता और कानून के शासन को मजबूत करता है. मैं कानपुर लौटकर स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर करने के लिए प्रतिबद्ध हूं.”
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न्यायमूर्ति मनीष माथुर की पीठ ने नेमी द्वारा दायर याचिका पर यह आदेश पारित किया. याचिकाकर्ता ने पिछले माह 19 जून को पारित निलंबन आदेश को चुनौती दी है. याचिकाकर्ता के वकील एल पी मिश्रा ने दलील दी कि सीएमओ नेमी को बिना किसी जांच के निलंबित कर दिया गया है. अदालत ने कहा, ‘प्रथम दृष्टया याचिकाकर्ता के वकील की दलीलों में दम है और उन पर विचार करने की जरूरत है.’
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