किडनैपिंग मामले में CRPF के जवान को राहत, गिरफ्तारी पर 3 जुलाई तक रोक, कोर्ट ने क्या कहा?

by Carbonmedia
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Delhi High Court: दिल्ली हाई कोर्ट ने एक कथित किडनैपिंग के मामले में आरोपी केंद्रीय रिजर्व पुलिस फोर्स के जवान की गिरफ्तारी पर 3 जुलाई तक रोक लगा दी है.  दिल्ली हाईकोर्ट ने यह आदेश इस शर्त पर दिया है कि जवान पुलिस जांच में पूरी सहयोग करेगा. इसके साथ ही जब भी जांच अधिकारी उसे जांच में शामिल होने के लिए बुलाएगा तो सीआरपीएफ के जवान को जांच अधिकारी के समक्ष पेश होना होगा.दरअसल यह मामला साकेत पुलिस स्टेशन में भारतीय न्याय संहिता की धारा 140 (2) के तहत दर्ज किया गया है. दिल्ली हाई कोर्ट में जस्टिस मनीष प्रीतम सिंह अरोड़ा की बेंच ने सीआरपीएफ जवान की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए यह अंतरिम राहत दी है.दिल्ली हाई कोर्ट ने अगली सुनवाई तक गिरफ्तारी पर लगाई रोकदिल्ली हाई कोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान कहां की याचिका करता सीआरपीएफ जवान को अगली सुनवाई तक गिरफ्तार नहीं किया जाएगा. बशर्ते वह जांच में शामिल हो और जांच में सहयोग करें. दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता को निर्देश दिया जाता है कि वह 24 जून को शाम 5 बजे जांच अधिकारी के समक्ष पेश हो. और आगे जब भी उसे जांच में शामिल होने के लिए बुलाया जाए तो वह वहां पर उपस्थित हो. कोर्ट ने अभियोजन पक्ष को निर्देश दिया कि वह 3 जुलाई को होने वाली अगली सुनवाई से दो दिन पहले स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करे.CRPF जवान  के वकील ने कोर्ट में दी दलीलदिल्ली हाई कोर्ट में सीआरपीएफ जवान के वकील ने दलील दिया कि जवान और कथित पीड़ित पिछले डेढ़ साल से दोस्त थे.4 जून को वह अपनी इच्छा से जवान के साथ कश्मीर गया था. दिल्ली हाई कोर्ट में वकील ने दलील देते हुए यह भी कहा कि 7 जून को जम्मू कश्मीर के कठुआ में पीड़ित ने एक रिटर्न स्टेटमेंट दिया कि उसका अपहरण नहीं हुआ था और किसी भी प्रकार की फिरौती की मांग नहीं की गई थी.सरकारी वकील ने दलील का किया विरोधदिल्ली हाई कोर्ट में मामले की सुनवाई के दौरान सरकारी वकील ने दलील दिया कि पीड़ित ने 14 जून को अपना बयान बदल दिया और कहा कि उसका अपहरण किया गया था. साथ ही पीड़ित की पत्नी को भेजे गए व्हाट्सएप संदेशों में फिरौती की मांग के भी सबूत मिले हैं. अभियोजन पक्ष में यह भी बताया कि जवान 3 जून से ड्यूटी से गैरहाजिर है और फरार चल रहा है.हालांकि दिल्ली हाई कोर्ट ने इस मामले में दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद सीआरपीएफ जवान को 3 जुलाई तक अंतरिम राहत दे दी है. लेकिन यह देखना बेहद अहम होगा जब इस मामले में जांच एजेंसी अपने स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करेगी है तो कोर्ट का क्या फैसला करता है.

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