अपनी मांगों को लेकर एक बार फिर गौतमबुद्ध नगर के किसानों ने आर-पार की लड़ाई का ऐलान कर दिया है. भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के नेतृत्व में 30 जुलाई को किसानों द्वारा गलगोटिया विश्वविद्यालय के समीप स्थित अंडरपास पर एक विशाल महापंचायत का आयोजन किया जाएगा. इसके लिए दनकौर क्षेत्र के सलारपुर गांव में किसानों ने एक गोष्ठी आयोजित कर रणनीति तैयार की.
गोष्ठी की अध्यक्षता कर रहे किसान नेता बाबा उदयवीर ने कहा कि ग्रामीणों की लंबे समय से समस्याएं अनसुनी की जा रही हैं. बारात घर की व्यवस्था वर्षों से अधूरी है, वहीं बिजली ट्रांसफार्मर आए दिन जल जाते हैं, लेकिन महीनों तक बदले नहीं जाते. ग्रामीण लगातार बिजली घरों के चक्कर काटते हैं, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं होती.
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आंदोलन को और व्यापक बनाया जाएगा- किसानकिसान प्रताप कसाना ने कहा कि यमुना प्राधिकरण ने अब तक जमीन अधिग्रहण के बदले मिलने वाले सात प्रतिशत भूखंड किसानों को उपलब्ध नहीं कराए हैं. इसके अलावा प्राधिकरण द्वारा गांवों की आबादियों का उचित निस्तारण भी नहीं किया जा रहा है, जिससे किसान और ग्रामीण दोनों परेशान हैं.
गोष्ठी में यह भी निर्णय लिया गया कि यदि 30 जुलाई को आयोजित महापंचायत के बाद भी प्रशासन ने किसानों की मांगों पर सकारात्मक कार्रवाई नहीं की, तो आंदोलन को और व्यापक बनाया जाएगा. भाकियू नेताओं का कहना है कि यह महापंचायत केवल प्रतीकात्मक नहीं होगी, बल्कि यह किसानों की शक्ति और असंतोष का सार्वजनिक प्रदर्शन होगी.
किसान नेता पवन खटाना किसानों की मांगे और साफ किया है कि जब तक ट्रांसफार्मर बदले नहीं जाएंगे, बारात घर की व्यवस्था नहीं होगी, और भूखंड व आबादी के मामलों में समाधान नहीं मिलेगा, तब तक उनका विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा. भारतीय किसान यूनियन ने सभी क्षेत्रीय किसानों से इस महापंचायत में अधिक संख्या में पहुंचने की अपील की है, ताकि प्रशासन को किसानों की एकता और संघर्ष की गंभीरता का अहसास हो सके.
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