किसान मजदूर मोर्चा ने रविवार को अमृतसर में एक महत्वपूर्ण बैठक की। दिलबाग सिंह हरीगढ़ और बलवंत सिंह बहरामके की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में मोर्चे के सदस्यों ने बाढ़ का कारण सरकार की विफलता और खराब जल प्रबंधन को बताया। मोर्चा ने घोषणा की, बाढ़ से प्रभावित खेतों में जमा रेत की बिक्री किसान खुद करेंगे। कहा कि इस मामले में सरकार या खनन विभाग अगर हस्तक्षेप करेगा तो इसका विरोध किया जाएगा। संगठन ने पंजाब, हरियाणा, यूपी और राजस्थान से मिल रहे समर्थन की सराहना की। कहा कि इन राज्यों से लोगों ने खाद्य सामग्री पहुंचाने में काफी मदद की है। उन्होंने पंजाब की युवा पीढ़ी की भी तारीफ की। युवाओं ने बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए अच्छा प्रबंधन किया। बाढ़ को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग मोर्चा ने केंद्र सरकार से बाढ़ को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग की। पंजाब के लिए राहत कोष की मांग की। मोर्चा के सदस्यों ने पंजाब सरकार पर आरोप लगाया कि सरकार ने पर्याप्त नाव उपलब्ध नहीं कराई। न ही जरूरी राहत सामग्री उपलब्ध कराई गई। उन्होंने कहा कि मोर्चा 12 सितंबर को सभी डिप्टी कमिश्नरों को मांग पत्र सौपेगा। बैठक में शंभू-खनौरी बार्डर पर किसान आंदोलन का भी समर्थन किया गया। कहा कि किसानों की मांगें उचित हैं और उनका संघर्ष जारी रहेगा। बैठक में मनजीत सिंह राय, मलकीत सिंह, जंग सिंह भटेड़ी, बलकार सिंह बैंस आदि मौजूद रहे।
किसान मजदूर मोर्चे की दो टूक:बाढ़ से खेत में जमा रेत की बिक्री खुद करेंगे किसान, पड़ोसी राज्यों से मिले समर्थन को सराहा
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