अखिल भारतीय किसान सभा तहसील कमेटी का सातवां तहसील सम्मेलन आज उकलाना मंडी की कुम्हार धर्मशाला में बड़े उत्साह के साथ संपन्न हुआ। सम्मेलन की शुरुआत किसान नेता बलबीर सिंह नंबरदार द्वारा संगठन का झंडा फहराने के साथ हुई। इसके बाद बलबीर सिंह नंबरदार व इंदर सिंह धतरवाल ने अध्यक्ष मंडल के रूप में सम्मेलन की कार्यवाही की अध्यक्षता की। सम्मेलन का उद्घाटन किसान सभा के राज्य प्रधान मास्टर बलबीर सिंह ने किया, जबकि समापन जिला उपप्रधान दिनेश सिवाच ने किया। इस अवसर पर तहसील कमेटी के नए पदाधिकारियों का चुनाव भी तीन साल के लिए सर्वसम्मति से किया गया। नई तहसील कमेटी का गठन कुल 17 सदस्यों वाली इस कमेटी में मास्टर फूल सिंह कुंडू को प्रधान, सरबत पूनिया को वरिष्ठ उपप्रधान, ओम प्रकाश व इंदर सिंह धतरवाल को उपप्रधान, प्रदीप कनौह को सचिव, दयानंद (गांव चमार खेड़ा) को कोषाध्यक्ष, मिया सिंह (बिठमड़ा) व रमेश कुंडू (खैरी) को सह सचिव, तथा सतबीर बलोदा को सलाहकार चुना गया। सदस्य के रूप में सुरेश पाबड़ा नंबरदार, करमवीर, साधुराम, रणधीर (दौलतपुर), विजेंद्र (बुढ़ाखेड़ा) और राजेंद्र (किनाला) को शामिल किया गया। जलभराव पर चिंता, सरकार को घेरा सम्मेलन को संबोधित करते हुए मास्टर बलबीर सिंह ने कहा कि आज पूरे प्रदेश में भारी बारिश और जलभराव ने विकराल रूप धारण कर लिया है। उकलाना तहसील के लगभग सभी गांव जलभराव की चपेट में हैं। बस्तियों में पानी भरने से लोगों का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। वाटर सप्लाई व बिजली व्यवस्था लगभग ठप पड़ी है, लेकिन सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी है। उन्होंने बताया कि खैरी, बिठमड़ा और लितानी गांवों में हालात और भी भयावह बने हुए हैं क्योंकि यहां बाहर से पानी आकर गांवों में घुस गया है। इससे मकानों, कुओं और किसानों की खड़ी फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है। फसल मुआवजे की मांग किसान नेताओं ने आरोप लगाया कि फसल क्षतिपूर्ति व बीमा क्लेम के लिए सरकार का पोर्टल काम नहीं कर रहा, जिससे किसान आवेदन ही दर्ज नहीं कर पा रहे हैं। सम्मेलन के दौरान किसानों ने सामूहिक रूप से मुख्यमंत्री के नाम नायब तहसीलदार उकलाना को ज्ञापन सौंपा। इसमें किसानों ने मांग की कि फसल नुकसान की भरपाई के लिए प्रति एकड़ कम से कम ₹25,000 मुआवजा तुरंत प्रभाव से किसानों के खातों में डाला जाए। साथ ही जिन लोगों के मकान ढह गए हैं या कुओं व अन्य ढांचों का नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई भी सरकार करे। घेराव की चेतावनी किसान नेताओं ने चेतावनी दी कि यदि जल्द ही जलभराव से बस्तियों को राहत नहीं मिली और किसान-मजदूरों की समस्याओं का समाधान नहीं किया गया तो उकलाना तहसील के किसान मजबूर होकर तहसील कार्यालय का घेराव करेंगे।
किसान सभा का तहसील सम्मेलन:जलभराव से हुए नुकसान के लिए 25 हजार रुपए प्रति एकड़ मुआवजे की मांग
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