गांव मुदल में ईसाई समुदाय से संबंधित एक व्यक्ति के शव को न दफनाने देने का मामला डीसी साक्षी साहनी के पास पहुंचा है। पंजाब अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व सदस्य और ईसाई नेता डा. सुभाष थोबा ने गांव के लोगों के साथ डीसी से मिलकर उन्हें मांग पत्र सौंपा। इसके बाद डॉ. थोबा ने कहा कि कुछ दिन पहले गांव मुदल में ईसाई समुदाय से संबंधित एक व्यक्ति के शव को दफनाने पर विवाद हो गया। गांव के कुछ लोगों ने उस व्यक्ति के शव को दफनाने नहीं दिया। इस बात का ईसाई समुदाय के लोगों ने विरोध किया परंतु लोग नहीं माने। ऐसे में मृतक का शव तीन घंटे तक कब्रिस्तान में ही पड़ा रहा था। इसके बाद डॉ. थोबा ने पुलिस को जानकारी दी। पुलिस के आने पर शव को दफनाया गया। डा. थोबा ने कहा कि गांव मुदल में कब्रिस्तान और श्मशानघाट हैं। यहां सभी धर्मों के लोग अपने मृतक परिजनों को अपने रीति-रिवाज के अनुसार दाह संस्कार अथवा दफन करते हैं। पंजाब सरकार की ओर से सभी जिलों के डीसी को निर्देश भी दिए गए हैं कि जिन गांवों में कब्रिस्तान नहीं है वहां जगह उपलब्ध करवाई जाए। सभी गांवों में कब्रिस्तान बने हैं। ऐसे में किसी को दफन करने पर किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए। डा. थोबा ने कहा कि गांव वासियों ने यह मुनादी भी करवाई थी कि ईसाई भाईचारे से संबंधित किसी भी व्यक्ति को दफन करने की इजाजत न दी जाए। डीसी साक्षी साहनी ने मामले की गंभीरता को देखते हुए एसएसपी देहाती मनिंदर सिंह को पत्र भेजा है। पुलिस कब्रिस्तान की जमीन की निशानदेही करवाएंगी। इसके बाद यह जगह ईसाई भाईचारे के लिए अरक्षित रखी जाएगी। इस मौके पर पंचायत सदस्य निंदर, पास्टर सतनाम मसीह, सुरिंदर सहोता, सुरिंदर सिंह, अवतार, गुरमीत, मनजीत, मनप्रीत, प्रवीण कौर, मनजीत कौर, सुखवंत कौर, अमृतपाल, सनी सिंह, राजविंदर सिंह, बोबी आदि उपस्थित थे।
कुछ दिन पहले गांव मुदल में शव को दफनाने न देने का मामला पहुंचा डीसी के पास
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