हरियाणा में कुरुक्षेत्र के चर्चित अमन ढाबा फायरिंग केस में करनाल एटीएफ को एक और बड़ी सफलता मिली है। सोमवार देर शाम करनाल एटीएफ ने इस मामले में लिप्त 6 और आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। ये सभी आरोपी पहले से गिरफ्तार किए गए सौहार्द उर्फ शिवम और पारस के नजदीकी बताए जा रहे हैं।
एटीएफ ने इन सभी को पूछताछ के लिए बुलाया था, लेकिन पूछताछ के दौरान जब इनके बैंक खातों में संदिग्ध ट्रांजेक्शन का खुलासा हुआ, तो इन्हें मौके से ही गिरफ्तार कर लिया गया। आरोपियों को मंगलवार को करनाल कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लिया जाएगा ताकि फायरिंग से जुड़े बाकी फरार हमलावरों तक भी पुलिस पहुंच सके। फायरिंग के पीछे फिरौती का शक, अब तक 7 गिरफ्तार
बता दें कि बीती 27 जून को कुरुक्षेत्र के शाहाबाद में करनाल बॉर्डर के पास स्थित अमन ढाबा पर बाइक सवार नकाबपोश बदमाशों ने ताबड़तोड़ फायरिंग की थी। करीब 20-25 राउंड फायर किए गए थे, जिससे ढाबा और वहां खड़े वाहन क्षतिग्रस्त हो गए थे। हालांकि, किसी के घायल होने की सूचना नहीं थी।
हमलावर मौके पर एक पर्ची छोड़ गए थे, जिसमें एक मोबाइल नंबर लिखा था। इसे देखते हुए मामला फिरौती से जुड़ा माना जा रहा है। इस मामले में पहले दो आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं, जबकि सोमवार को 6 और की गिरफ्तारी हुई है। यानी अब तक कुल 7 आरोपी पकड़े जा चुके हैं। पहले गिरफ्तार सौहार्द और पारस से मिले थे अहम सुराग
करीब दो सप्ताह पहले एसटीएफ ने करनाल के सेक्टर-12 से दो कुख्यात अपराधियों सौहार्द उर्फ शिवम और पारस को गिरफ्तार किया था। इनके पास से दो पिस्टल और एक डबल बैरल गन बरामद हुई थी। एसटीएफ जांच में सामने आया कि दो पिस्टल वही थीं, जिनका इस्तेमाल अमन ढाबा पर फायरिंग के दौरान हुआ था।
दोनों आरोपी कुख्यात कौशल चौधरी गैंग से जुड़े हैं और दिल्ली-एनसीआर में एक्टिव रहे हैं। सौहार्द का नाम करनाल के सौंकड़ा गांव में हुई एक अन्य फायरिंग में भी सामने आया है। उस मामले में उसका एक और साथी था, जिसकी पहचान फिलहाल नहीं हो सकी है। गिरफ्तार 6 नए आरोपी कौन
सोमवार को गिरफ्तार किए गए छह आरोपियों के नाम पलविंद्र सिंह (यमुनानगर), प्रिंस कुमार (पाबना), जोत सिंह (मेहलावाली), रोहित भोला, हेमंत (जगाधरी) और विवेक सैनी (मुलाना, अंबाला) है। इन सभी पर आरोप है कि इन्होंने गैंग को मदद पहुंचाने का काम किया है।
एटीएफ ने इनके बैंक अकाउंट्स की जांच की तो कई संदिग्ध लेन-देन का खुलासा हुआ, जिससे यह माना गया कि ये सभी गैंग को आर्थिक सहायता दे रहे थे। पूछताछ के दौरान यह भी साफ हुआ कि ये सभी पहले से गिरफ्तार सौहार्द और पारस के करीबी रहे हैं और इनके साथ मिलकर काम करते थे। सौहार्द के साथ पकड़ा गए पारस का काम सिर्फ हथियार डेडड्रॉप का था। शिवम उर्फ सौहार्द पर पहले से दर्ज हैं 16 केस
एसटीएफ इंचार्ज दीपेंद्र राणा ने बताया कि जांच में खुलासा हुआ है कि शिवम उर्फ सौहार्द पर पहले से 16 आपराधिक केस दर्ज हैं। यमुनानगर में इसका नाम कई संगीन मामलों में सामने आ चुका है। हाल ही में इस पर अपने ही पिता से मारपीट का केस दर्ज हुआ था, जिसमें यह फरार चल रहा था। इसके अलावा यह एक पुराने केस में जमानत पर भी बाहर था। गैंग के बाकी गुर्गे विदेश और जेल में, कई की तलाश जारी
एसटीएफ के मुताबिक, इस पूरे गैंग का संबंध कुख्यात कौशल चौधरी ग्रुप से है। इस गैंग के प्रमुख गुर्गों में सौरव बड़ौली और दिनेश गांधी शामिल हैं, जो इस समय यूएसए में डिटेन हैं और उन्हें भारत लाने की प्रक्रिया चल रही है। वहीं गैंग के कुछ और सदस्य भोंडसी जेल में बंद हैं। करनाल और अंबाला पुलिस की टीमें अब उन फरार हमलावरों की तलाश में जुटी हैं, जिन्होंने मौके पर फायरिंग की थी। पुलिस को उम्मीद है कि हालिया गिरफ्तारियों से उन्हें बाकी आरोपियों तक पहुंचने में बड़ी मदद मिलेगी। कोर्ट से रिमांड मिलने के बाद हो सकती हैं और गिरफ्तारियां
सभी 6 नए आरोपियों को मंगलवार को कोर्ट में पेश कर पुलिस रिमांड पर लिया जाएगा। एसटीएफ का कहना है कि रिमांड के दौरान इनसे गहराई से पूछताछ की जाएगी और गैंग से जुड़े बाकी नेटवर्क को उजागर किया जाएगा। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि आखिर गैंग को किस स्तर तक आर्थिक मदद पहुंच रही थी और इसमें कौन-कौन शामिल हैं। सभी के क्रिमिनल रिकॉर्ड भी खंगाले जा रहे हैं। फायरिंग में शामिल असली हमलावर अभी फरार
हालांकि, इस केस की सबसे अहम कड़ी अमन ढाबा पर फायरिंग करने वाले नकाबपोश शूटर अब भी फरार हैं। पुलिस को उम्मीद है कि गिरफ्तार हुए आरोपियों से पूछताछ में उनकी पहचान और लोकेशन से जुड़ी अहम जानकारी मिल सकती है। फिलहाल, पुलिस की टीमें लगातार छापेमारी कर रही हैं और जल्द ही उन तक पहुंचने का दावा कर रही हैं।
कुरुक्षेत्र अमन ढाबा फायरिंग केस में नया खुलासा:एटीएफ ने गैंग के 6 और साथियों को किया गिरफ्तार, गैंग को आर्थिक मदद पहुंचाने का आरोप
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