कुरुक्षेत्र में डेंगू और मलेरिया से बचाव को लेकर मलेरिया डिपार्टमेंट अलर्ट है। पिछले साल शहर की जिन 10 कॉलोनियों में डेंगू के ज्यादा केस मिले थे, उन पर इस बार खास फोकस किया जाएगा। फिलहाल डिपार्टमेंट की टीमें डोर-टू-डोर सर्वे कर रही हैं। टीमें शहर में कूलर, टंकी, टूटे पड़े बर्तन, गमले और आसपास बने गड्ढों में जमा पानी के अंदर डेंगू के लार्वा की जांच कर रही है। अभी तक शहर में डेंगू और मलेरिया का कोई पॉजिटिव केस सामने नहीं आया है, लेकिन अभी तक डिपार्टमेंट की तरफ से टेस्टिंग शुरू नहीं की गई है। बीते साल डेंगू के रिकॉर्ड 283 पॉजिटिव केस सामने आए थे। साथ ही दराखेड़ा की 3 साल की बच्ची की मौत भी हो गई थी। इसके अलावा डेंगू संदिग्धों में से 5 लोगों की जान भी गई थी। हॉटस्पॉट कॉलोनियां पिछले साल शहर की आकाश नगर, सेक्टर-3, शोरगर बस्ती, चनार्थल मोहल्ला, मोहन नगर, गांधी नगर, वशिष्ठ कॉलोनी, दराखेड़ा, सेक्टर-30 और छोटा बाजार में सबसे ज्यादा डेंगू के केस मिले थे। इसमें शोरगर बस्ती, आकाश नगर और वशिष्ठ कॉलोनी में तो यमुनानगर से आई एंटोमोलॉजिस्ट टीम (कीट वैज्ञानिक) ने मच्छरों की डेंसिटी की जांच भी की थी। अब डिपार्टमेंट इन कॉलोनियों पर खास नजर रखेगा। नहीं हो रही फॉगिंग मलेरिया डिपार्टमेंट की मानें तो उनकी टीमें लार्वा को नष्ट करने के लिए एक्टिविटी कर रही हैं। डेंगू, लार्वा और मच्छर से निपटने के लिए इंतजाम पूरे करने का दावा किया जा रहा है, मगर शहर और गांवों में कहीं भी फॉगिंग नहीं हो रही है। फॉगिंग के लिए डिपार्टमेंट ने संबंधित विभागों को पत्र लिखा है। जल्द शुरू होगी टेस्टिंग जिला मलेरिया डिपार्टमेंट के नोडल अधिकारी डॉ. प्रदीप कुमार ने बताया कि पिछले साल जिन कॉलोनियों में डेंगू के ज्यादा केस मिले थे, उन पर हॉटस्पॉट मानकर फोकस रखेंगे। इन कॉलोनियों में सर्वे शुरू कर दिया गया है। जल्द ही डेंगू-मलेरिया की टेस्टिंग के लिए ब्लड की स्लाइड्स बनाने का काम शुरू किया जाएगा।
कुरुक्षेत्र की 10 हॉटस्पॉट कॉलोनियों पर मलेरिया डिपार्टमेंट की नजर:बीते साल डेंगू के रिकॉर्ड केस मिले; अभी टेस्टिंग नहीं की शुरू; फॉगिंग भी नहीं
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