हरियाणा के कुरुक्षेत्र में जमीन के मुआवजे की मांग को लेकर भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) के पदाधिकारी लघु सचिवालय पर धरने पर बैठ गए। किसानों ने DC पर उनके साथ वादाखिलाफी और सही व्यवहार नहीं करने का आरोप लगाया। कल उन्होंने अपने संगठन को लघु सचिवालय पर बुलावे की कॉल दी है। शाम को बारिश आई तो किसान लघु सचिवालय के अंदर चले गए। भाकियू के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने साफ तौर पर कहा कि किसान किसी पर्सनल काम से DC से मिलने नहीं गए थे, बल्कि 12 साल से अटके जमीन के मुआवजे की मांग को लेकर अर्जी लेकर गए थे। DC ने किसानों से माफी नहीं मांगी तो धरना अनिश्चितकालीन हो सकता है। उन्होंने सरकार से DC के ट्रांसफर की मांग भी की है। 2014 में एक्वायर हुई जमीन चढूनी ने बताया कि सरकार ने साल 2014 में हिसार-चंडीगढ़ नेशनल हाईवे-152 के निर्माण के लिए जिला कुरुक्षेत्र के 11 गांवों की जमीन एक्वायर की गई थी। नए भूमि अधिग्रहण कानून के तहत किसानों को 100% हर्जाना और सोलैसियम मिलना था। अंबाला जिले के किसानों को पूरा मुआवजा मिला, जबकि कुरुक्षेत्र के किसानों को सिर्फ 30% मुआवजा दिया गया। DC ने तोड़ा वादा चढूनी ने कहा कि DC ने किसानों के साथ धरना खत्म करने पर मुआवजे के मामलों का जल्दी निपटारा करवाने का वादा किया था। आरोप लगाया कि आज किसान वादा याद दिलाने पहुंचे तो DC ने बात सुनने से इनकार कर दिया। DC ने मामले में कोई भी जिम्मेदारी नहीं लेने की बात कही। उनके साथ टेढ़ी और रुखी भाषा का इस्तेमाल किया। दबाव बनाने की कोशिश उधर, नेहा सिंह ने आरोपों पर कहा कि यह मामला कोर्ट में चल रहा है। इस मामले में कल कोर्ट में सुनवाई होनी है। इसलिए किसान एक दिन पहले आकर उन पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे थे। अगर कोर्ट का किसानों के हक में फैसला आया तो उनको जल्द मुआवजा दिलाने का काम जरूर करेंगी।
कुरुक्षेत्र में किसान DC के खिलाफ धरने पर बैठे:कल लघु सचिवालय पर इकट्ठा होने की कॉल; वादाखिलाफी-रुखा बर्ताव करने का आरोप
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