कुरुक्षेत्र में बाढ़ से निपटने की जिम्मेदारी सरपंचों पर:विभाग ने जारी किया लेटर; सरपंचों में नाराजगी; मारकंडा में 21 हजार क्यूसिक पानी

by Carbonmedia
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कुरुक्षेत्र में मारकंडा नदी का जलस्तर फिर से बढ़ गया है। सुबह करीब साढ़े 6 बजे तक नदी में करीब 21 हजार क्यूसेक पानी दर्ज किया गया। हिमाचल प्रदेश के जिला सिरमौर के काला अंब में रात हुई बारिश की वजह से मारकंडा का जलस्तर बढ़ा है। उधर, अब अगर गांव में बाढ़ आती है तो उससे निपटने की जिम्मेदारी सरपंचों की होगी। खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी (BDPO) ने इसको लेकर आदेश जारी कर दिए हैं। लेटर में कहा गया है कि सरपंचों को अपने स्तर पर जेसीबी, मिट्टी से भरी थैलियां, रस्सी और बैटरियों जैसी सामग्री का इंतजाम करना होगा। बाढ़ आने की संभावना जताई प्रशासन ने पहाड़ों में हो रही बारिश से मारकंडा में बाढ़ आने की संभावना जताई है। बाढ़ की स्थिति में गांवों में बिजली, पानी और ठहरने की व्यवस्था भी सरपंचों को देखनी होगी। इस लेटर के जारी होते ही सरपंचों में नाराजगी देखी जा रही है।
हेमा माजरा से बना खतरा अंबाला के हेमा माजरा गांव में नदी पर कोई बांध नहीं होने की वजह से शाहाबाद में नदी से सटे गांवों में खतरा बढ़ गया है। यहां से पानी खेतों के रास्ते गांवों में घुस सकता है। इस कारण नदी से सटे गांव डरे हुए हैं। साल 2023 में आई बाढ़ ने काफी कुछ तबाह कर दिया था। गांवों पर मंडरा रहा संकट पानी का जलस्तर बढ़ने से मारकंडा से उससे सटे मलिकपुर, गुमटी, मुगल माजरा, कलसाना, अरुप नगर, तंगौर, कठवा, बाजीगर कॉलोनी और मारकंडा कॉलोनी में पानी घुसने का खतरा बढ़ रहा है। अगर बाढ़ आई तो सबसे पहले ये इलाके इफैक्टेड होंगे। तटबंध सुरक्षित, पहाड़ों से खतरा शाहाबाद में मारकंडा नदी का तटबंध सुरक्षित है। मारकंडा में 30 हजार क्यूसेक पानी आने तक खतरे की आशंका नहीं है, लेकिन पहाड़ों पर लगातार हो रही बारिश से मारकंडा का जलस्तर बढ़ सकता है। साल 2023 में कुरुक्षेत्र, शाहाबाद और बाबैन में आई बाढ़ ने कई लोगों की जिंदगी लील ली थी।

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