कुरुक्षेत्र में मारकंडा नदी ने एक बार फिर से तबाही मचा दी है। शाहाबाद के 8 गांवों में मारकंडा नदी का पानी चारों तरफ फैल चुका है। नदी में 31 हजार क्यूसेक से ज्यादा पानी बह रहा है। अभी नदी में और भी पानी आने की आशंका है। मारकंडा का खतरे का निशान 256 मीटर है, लेकिन पानी उससे .15 (प्वाइंट 15) मीटर ऊपर होकर चल रहा है। उधर, मारकंडा का रौद्र रूप देखकर झांसा और इस्माइलाबाद के नदी के आसपास रहने वाले लोग भी घबराए हुए हैं। झांसा गांव में मारकंडा पुल के बराबर होकर बह रही है। जलबेहड़ा के पास मारकंडा से पानी ओवर होकर दीवार के ऊपर से बीबीपुर चैनल लिंक के जरिए झील की तरफ जा रहा है। हालांकि यहां अभी पानी कम है। अगर ज्यादा आया तो झील में 5 हजार एकड़ से ज्यादा बर्बाद हो जाएगी। 8 गांव में पानी फैला
शाहाबाद के कठवा, मुगल माजरा, पट्टी जामड़ा, मलकपुर और गुमटी में खेतों के साथ सड़कें भी पानी में डूबी हुई है। यहां लोगों को पानी के बीच से होकर ही अपने गंतव्य की ओर जाना पड़ रहा है। इसके अलावा तंगौर, अरूप नगर और मदनपुर के खेतों में भी पानी भर चुका है। पिहोवा और शाहाबाद में हालात को देखते हुए सभी स्कूल, कॉलेज और आंगनबाड़ी अगले आदेश आने तक छुट्टी की गई है। शरण ले रहे लोग शाहाबाद के इन गांवों के करीब 200 लोग अपने घर खाली करके धर्मशाला और मारकंडेश्वर मंदिर में शरण लिए हुए हैं। 14 हजार से ज्यादा एकड़ खेतों में जलभराव है। इससे यहां फसलें प्रभावित हो रही है, जबकि कठवा और मुगल माजरा में फसलें पूरी तरह से खत्म हो चुकी है। प्रशासन ने संभाला मोर्चा हालात देखते हुए अधिकारियों को 24 घंटे अलर्ट रहने और हर स्थिति से निपटने के निर्देश दिए हैं। प्रभावित गांवों में अलग-अलग अधिकारी और कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। SDRF की टीमें लोगों की मदद के लिए तैनात है। इमरजेंसी में सूचना देने के लिए कंट्रोल रूम नंबर 01744-221035 भी जारी किया है। DC विश्राम मीणा ने मौके का जायजा लिया है।
कुरुक्षेत्र में मारकंडा ने मचाई तबाही:200 लोगों ने छोड़ा घर; 8 गांव की सड़कें और खेत डूबे; अगले आदेश तक शिक्षण संस्थान बंद
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