कुरुक्षेत्र में हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी (HSGMC) के प्रधान जगदीश सिंह झींडा ने पंजाब के अलगाववादी नेता जरनैल सिंह भिंडरावाले को महान शहीद बताया दिया। कमेटी के हेड ऑफिस में मीडिया से बातचीत में झींडा ने कहा कि 6 जून 1984 को सिख कौम के साथ साका हुआ। तत्कालीन सरकार ने श्री अकाल तख्त साहिब श्री हरमंदिर साहिब पर टैंक, तोप और हवाई जहाज के साथ हमला किया। भिंडरावाले महान शहीद संत प्रधान झींडा ने कहा कि सिख कौम की महान शख्सियत को मिट्टी में मिलाने की कोशिश की गई। यह कोशिश नाकाम रही, मगर इस युग के महान शहीद संत बाबा जरनैल सिंह, भाई अमरीक सिंह, महंगा सिंह, सुबेग सिंह के साथ दर्शन के लिए गई संगत, महिलाओं और बच्चों तक पर तरस नहीं किया गया। यह दिन खालसा पंथ के इतिहास का काला दिन है। सिखों ने कभी मैदान नहीं छोड़ा झींडा ने कहा कि सिख कौम ने इतिहास में कभी मैदान नहीं छोड़ा। हर कुर्बानी के बाद वह और भी मजबूत होकर खड़ी हुई है। खालसा पंथ हमेशा ‘चढ़दी कला’ में रहने वाला पंथ है। अत्याचार के खिलाफ खड़ा रहना उसकी परंपरा है। सिख कौम अपने शहीदों की याद को कभी धूमिल नहीं होने देगी। अलग-अलग प्रेस कॉन्फ्रेंस की उधर, कमेटी के नॉमिनेटेड मेंबर जत्थेदार बलजीत सिंह दादूवाल और झींडा ने अलग-अलग कमरों में प्रेस कॉन्फ्रेंस की। दोनों की आपस में यहां मुलाकात नहीं हुई। बताते चलें कि 23 मई को कमेटी के हुए चुनाव में जगदीश सिंह झींडा को प्रधान नियुक्त किया गया था। इसमें दादूवाल ने झींडा को समर्थन दिया था। हालांकि दादूवाल का कहना है कि उन्हें झींडा के ऑफिस आने की जानकारी नहीं थी।
कुरुक्षेत्र में HSGMC प्रधान झींडा का विवादित बयान:बोले- भिंडरावाले महान शहीद संत; काली पट्टी बांध आए; अटैक में मरे लोगों को श्रद्धांजलि दी
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