कूड़ा निस्तारण को निगम 30 कॉम्पेक्टर खरीदेगा

by Carbonmedia
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शहर में जमा हो रहे कूड़े के निस्तारण का काम शत-प्रतिशत करने के लिए नगर निगम 30 नए कॉम्पेक्टर खरीदेगा। इसके लिए नगर निगम की ओर से तैयारियां की जा रही हैं। योजना को लेकर प्रस्ताव तैयार कर दिया गया है। वहीं, 10 कॉम्पेक्टर साइट प्राइवेट कंपनी को देने की तैयारी भी है। नगर निगम ने शहर में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट में सुधार के लिए लगभग 130 करोड़ रुपये की लागत की विभिन्न परियोजनाएं शुरू करने का दावा किया था लेकिन कई योजनाएं धरातल पर नहीं उतर सकी। हालात ये हैं कि मुख्य डंप स्थल यानी ताजपुर डंप साइट पर लगभग 24.62 लाख मीट्रिक टन कचरा होने का अनुमान है। अफसरों की विफलता के कारण, निवासियों को एमसी के मुख्य डंप साइट पर कचरे के ढेर, बदबू और अचानक आग लगने की घटनाओं के कारण परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। 22 साइटों का कामकाज प्राइवेट कंपनी देख रही शहर में प्रतिदिन लगभग 1100 मीट्रिक टन ताजा कचरा उत्पन्न होता है। 2024 में निगम ने शहर के कचरे से चारकोल बनाने की योजना बनाई थी। इसके लिए निगम ने एक कंपनी के साथ समझौता किया था जिसे 400 मीट्रिक टन कचरे को चारकोल में बदलने का काम करना था। यह एक पायलट प्रोजेक्ट था और यदि इसमें सफल रहते तो इसे पूरे शहर में लागू किया जाना था। सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट में सुधार के लिए यह प्रमुख पहल थी लेकिन यह योजना परवान नहीं चढ़ सकी। आरती रिन्यूएबल्स पीडीवाई प्राइवेट लिमिटेड के अजीत पी राव और एमसी के तत्कालीन कमिश्नर संदीप ऋषि ने एमओयू किया था। प्रोजेक्ट के तहत नगर निगम ठेकेदार को एक भी पैसा नहीं देगा। ठेकेदार को सिर्फ दो एकड़ जमीन और बिजली कनेक्शन दिया जाना था लेकिन कंपनी ने हाथ खींच लिए। यही हालत कॉम्पेक्टर साइटों में ही हो रही है। साइटों के बाहर कचरे का अंबार लगा है। क्योंकि कई साइटों पर कॉम्पेक्टर मशीनों में खराबी के कारण सेग्रीगेशन का काम प्रभावित हो रहा है। कुछ साइटों पर कॉम्पेक्टर मशीनें 5 साल पुरानी हो चुकी हैं जो काम नहीं कर रही हैं। ऐसे में निगम की ओर से पुरानी मशीनों की जगह नई कॉम्पेक्टर मशीनों को लगाने का निर्णय लिया है। इसके लिए अधिकारियों की मीटिंग हो चुकी है। वहीं, निगम क्षेत्र में 22 साइटों के कामकाज का ठेका निजी कंपनी को दिया गया था जबकि 10 कॉम्पेक्टर साइट को निगम कर्मचारी संचालित कर रहे हैं। ऐसे में सरकारी साइटों को भी निजी कंपनी को देने की योजना पर भी काम चल रहा है। टिब्बा रोड पर कॉम्पेक्टर साइट बंद होने पर परेशान लोगों ने प्रदर्शन किया 400 मीट्रिक टन कचरे को चारकोल में बदलने का पायलट प्रोजेक्ट फाइलों में बंद, कंपनी ने हाथ खींचे टिब्बा रोड पर कॉम्पेक्टर साइट बंद होने के कारण निवासियों ने नगर निगम के खिलाफ प्रदर्शन किया। कॉम्पेक्टर साइट के बाहर निवासियों ने पंजाब सरकार, निगम के खिलाफ नारेबाजी कर उपेक्षा का आरोप लगाया। लोगों ने आरोप लगाया कि साइट बंद होने के कारण कूड़े का ढेर बढ़ता जा रहा है। बदबू के कारण जीना दूभर हो गया है। प्रवेज अंसारी, इरफान, फुरकान सैफी आदि ने कहा कि निगम अधिकारियों को जनता की फिक्र नहीं है। बरसात का समय है और बारिश के कारण कचरा सड़ रहा है। मक्खी-मच्छर पनप रहे हैं जिससे बीमारियों का खतरा बना है। कचरे में मौजूद गंदगी बारिश के पानी के साथ मिलकर ग्राउंड वाटर को नुकसान पहुंचा रही है। अफसरों को इसकी जानकारी है लेकिन सभी अनजान बने हुए हैं।

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