केंद्र ने सेब पर मिनिमम इम्पोर्ट प्राइस 80% किया:बाहर से कम आएगा एपल, हिमाचल के 2.50 लाख बागवानों को फायदा, MIP-आयात शुक्ल 130% लगेगा

by Carbonmedia
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केंद्र सरकार ने सेब पर मिनिमम इम्पोर्ट प्राइस (MIP) 50 रुपए से बढ़ाकर 80 रुपए प्रति किलो कर दिया है। 50 प्रतिशत इम्पोर्ट ड्यूटी पहले की तरह ली जाती रहेगी। यानी अब MIP और इम्पोर्ट ड्यूटी को मिलाकर सेब पर 130 प्रतिशत शुल्क देना होगा। इससे व्यापारी विदेशों से सस्ता सेब इम्पोर्ट नहीं कर पाएंगे। हिमाचल में सेब की खेती करने वाले ढाई लाख से ज्यादा परिवारों के अलावा जम्मू कश्मीर और उत्तराखंड के बागवानों को भी फायदा मिलेगा। हिमाचल के सेब बागवान बार बार इम्पोर्ट ड्यूटी बढ़ाने की मांग कर रहे थे। बागवानों की मांग पर ही केंद्र ने इम्पोर्ट ड्यूटी तो नहीं बढ़ाई, लेकिन मई 2023 में सेब पर 50 प्रतिशत MIP जरूर लगाया गया। अब इसे 80 प्रतिशत किया गया है। भारत में कितना सेब आयात बढ़ा भारत में विभिन्न देशों से साल 2024 में लगभग 5.19 लाख मीट्रिक टन सेब आयात हुआ है। अकेले तुर्किए से 2024 में 1.17 लाख मीट्रिक टन सेब आयात किया गया, जो कुल आयात का 23% है। तुर्किये के अलावा ईरान, चिली, न्यूजीलैंड और अमेरिका से भी बड़ी मात्रा में सेब इम्पोर्ट हो रहा हैं। साल 1998 में भारत ने मात्र 1100 मीट्रिक टन सेब इम्पोर्ट किया था, लेकिन 2024 में यह कई गुणा बढ़कर 5.19 लाख मीट्रिक टन हो गया। इस आयात की बड़ी वजह इम्पोर्ट ड्यूटी कम होना और MIP नहीं होना थी। साल 2023 में MIP 50% किया गया केंद्र द्वारा 2023 में MIP तय करने के बाद आयात में हल्की कमी आई है। अब इसके 80 प्रतिशत होने के बाद खासकर तुर्किए, ईरान, चिली इत्यादि देशों से आयात कम हो जाएगा, क्योंकि इन देशों का सेब अफगानिस्तान होते हुए भारत में बड़ी मात्रा में लाया जा रहा था, क्योंकि दक्षिण एशियाई मुक्त व्यापार क्षेत्र (SAFTA) संधि के तहत अफगानिस्तान पर इम्पोर्ट ड्यूटी नहीं लगती। अब MIP तय होने के बाद सभी देशों को यह शुल्क चुकाना होगा। केंद्र का फैसला बागवानों के लिए ऐतिहासिक: चेतन भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता चेतन बरागटा ने बताया कि केंद्र MIP को 50 रुपए से 80 रुपए करके सेब उत्पादकों के लिए बड़ी राहत की घोषणा की है। उन्होंने कहा, इस निर्णय से न केवल विदेशी सेब का अंधाधुंध इम्पोर्ट रुकेगा, बल्कि स्थानीय सेब उत्पादकों को भी इससे उचित दाम मिलेगे। उन्होंने याद दिलाया कि 2023 में मोदी सरकार ने पहली बार सेब के लिए MIP ₹50 प्रति किलो निर्धारित किया था। उन्होंने कहा, मोदी सरकार ने ही साल 2018 में चीन के सेब आयात पर प्रतिबंध लगाया है। हिमाचल के बागवानों को फायदा होगा: PGA प्रो​​​​​​​ग्रेसिव ग्रोवर एसोसिएशन (PGA) के अध्यक्ष लोकेंद्र बिष्ट ने बताया कि PGA ने कई बार दिल्ली में मंत्रालय से यह मामला उठाया। उन्होंने बताया कि एसोसिएशन ने MIP 100 प्रतिशत करने की मांग की है। इसका 80 प्रतिशत होना भी राज्य की सेब आर्थिकी के लिए बड़ा फैसला है। उन्होंने बताया कि इम्पोर्ट ड्यूटी को मिलाकर सेब व्यापारियों को बाहर से सेब आयात के लिए अब 130 प्रतिशत शुक्ल देना होगा। इससे बाहर का सेब 160 रुपए से कम प्रति किलो नहीं मिलेगा। सेब उत्पादक संघ ने शिगुफा बताया: सोहन सेब उत्पादक संघ के अध्यक्ष सोहन ठाकुर ने कहा कि ​​​​​​​अमरीका के दबाव में केंद्र सरकार 9 जुलाई को इम्पोर्ट ड्यूटी 15 फीसदी करने की तैयारी है। उस नुकसान को कवर-अप करने के लिए MIP 80 फीसदी करने का शिगुफा छोड़ा गया है। उन्होंने बताया कि 50 फीसदी MIP का निर्णय भी अब तक लागू नहीं हुआ है। उन्होंने MIP को धोखा बताते हुए इम्पोर्ट ड्यूटी 100 प्रतिशत करने की मांग की है।

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