छत्तीसगढ़ के दुर्ग रेलवे स्टेशन पर केरल की दो कैथोलिक ननों की गिरफ्तारी से मचा बवाल थमने का नाम नही ले रहा है. ननों की गिरफ्तारी को लेकर दिल्ली में संसद परिसर में विपक्षी दलों के सांसदों ने प्रदर्शन किया. वहीं केंद्र और छत्तीसगढ़ सरकार पर अल्पसंख्यक समुदाय को प्रताड़ित करने का आरोप भी लगाएि.छत्तीसगढ़ के दुर्ग जीआरपी थाने में बैठी ये दोनों नन केरल से छत्तीसगढ़ अपने धर्म का प्रचार करने आईं थी, लेकिन अब इन पर बस्तर की तीन लड़कियों के मानव तस्करी और धर्मान्तरण का आरोप है. जिसे लेकर बजरंगदल की शिकायत पर जीआरपी दुर्ग ने इन्हें गिरफ्तार किया है. जिसे लेकर बजरंगदल ने जमकर प्रदर्शन भी किया.
नैनो को आस्था के कारण निशाना बनाकर जेल भेजा गया- राहुल गांधी
इस मामले में दुर्गा जीआरपी के अधिकारियों ने बताया की बजरंग दल की शिकायत पर दो ननों समेत एक युवक और तीन युवतियों को हिरासत में लिया गया है, तीनो युवतियाँ बस्तर की रहने वाली है और इन्हें आगरा ले जाया जा रहा था. वहीं ननों की गिरफ्तारी छत्तीसगढ़ से लेकर दिल्ली तक बवाल मच गया है. संसद भवन परिसर में UDF सांसदों ने ननों की गिरफ्तारी के विरोध में प्रदर्शन किया. वहीं लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा कि छत्तीसगढ़ में दो कैथोलिक नैनो को उनकी आस्था के कारण निशाना बनाकर जेल भेज दिया गया.
यह न्याय नहीं है,बल्कि BJP-RSS का भीड़तंत्र है. यह एक खतरनाक पैटर्न को दर्शाता है यह बीजेपी के शासन में अल्पसंख्यकों का सिस्टमैटिक उत्पीड़न है. हम ननों की तत्काल रिहाई और अन्याय के लिए जवाबदेही की मांग करते हैं. वहीं काँग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने भी सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर लिखा कि मैं 25 जुलाई को छत्तीसगढ़ दुर्ग रेलवे स्टेशन पर हुई घटना की निंदा करती हूं.
सिस्टर वंदना और प्रीति को बिना किसी कानूनी अधिकार के हिरासत में
दो कैथोलिक ननों सिस्टर वंदना और सिस्टर प्रीति को बिना किसी कानूनी अधिकार के हिरासत में लिया गया. उन पर धर्मान्तरण और मानव तस्करी के झूठे आरोप लगाए गए हैं. यह अल्पसंख्यक अधिकारों पर एक गम्भीर हमला है. प्रियंका गांधी ने आगे लिखा ये कोई एक मामला नही है. बीजेपी शासन में अल्पसंख्यकों को सिस्टमैटिक रूप से परेशान और बदनाम किया जा रहा है. दू
सरी तरफ प्रदेश काँग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने भी छत्तीसगढ़ सरकार पर अल्पसंख्यकों को प्रताड़ित करने के आरोप लगाए है पीसीसी चीफ ने कहा कि धर्मांतरण कमोड़ा सिर्फ बीजेपी का वोट बैंक है. चुनाव में बीजेपी ने धर्मांतरण के खिलाफ सख्त कानून बनाने की बात की थी. लेकिन डेढ़ साल गुजारने के बावजूद आज तक कोई कानून नहीं बना.वहीं दूसरी तरफ ईसाई समाज की सबसे बड़ी संस्था छत्तीसगढ़ विशप कॉन्फ्रेंस ने भी इस मामले को पूरी तरह से झूठा करार दिया है. विशप कॉन्फ्रेंस के अधिकारी फादर सेबेस्टियन पोट्टममलो के मुताबिक जिन लड़कियों की धर्मांतरण के आरोप लग रहे हैं वह पहले से इसी है वही फादर सेबेस्टियन का दावा है कि ईसाई समाज में ह्यूमन ट्रैफिकिंग जैसी घटना कभी नहीं होती ,ये ईसाई संगठनों को बदनाम करने की सरकार और कुछ सँगठनो की साजिश है.
जो शिकायत मिली उसी आधार पर जाँच की रही – गृहमंत्री विजय शर्मा
इस पूरे विवाद पर छत्तीसगढ़ सरकार के उपमुख्यमंत्री और गृहमंत्री विजय शर्मा सभी आरोपों को खारिज़ किया है . गृहमंत्री का कहना है कि जो शिकायत मिली उसी आधार पर जाँच की जा रही है. विजय शर्मा के मुताबिक सब कुछ कानून की प्रक्रिया के मुताबिक हो रहा है. वहीं छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण के खिलाफ कानून को लेकर गृहमंत्री ने अपना पुराना दावा फिर से दोहराया कि जल्द गई छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण को लेकर सख्त से सख्त कानून बनाने की तैयारी सरकार कर रही है.कुल मिला कर छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण और मानव तस्करी के इस मामले को लेकर अब जमकर राजनीति हो रही है वहीं दूसरी तरफ आए दिन छत्तीसगढ़ के किसी न किसी इलाके से धर्मांतरण की खबरें भी लगातार आ रही है, लेकिन इस पर सरकार सिर्फ कड़े कानून बनाने की दावे कर रही है लेकिन इस बार ननों की गिरफ्तारी के चलते रायपुर से दिल्ली तक हो रहे विरोध के चलते छत्तीसगढ़ सरकार भी मुश्किल में दिखाई दे रही है.
केरल की ननों की गिरफ्तारी से सियासी बवाल, धर्मांतरण और मानव तस्करी के आरोपों पर कांग्रेस ने BJP को घेरा
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