भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) के हरियाणा प्रदेशाध्यक्ष विक्रम कसाना ने केंद्र सरकार पर किसान विरोधी होने का आरोप लगाया है। उन्होंने यह बात उत्तराखंड के हरिद्वार में आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रीय चिंतन शिविर के समापन के बाद कही। कसाना ने कहा कि केंद्र सरकार के 11 साल पूरे हो गए हैं। इस दौरान किसान, मजदूर, दलित और पिछड़े वर्ग के लोगों की स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है। उन्होंने सवाल उठाया कि एमएसपी को गारंटी कानून का दर्जा और स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट अभी तक लागू क्यों नहीं की गई। खेती के यंत्र जीएसटी से मुक्त नहीं उन्होंने कहा कि उद्योगपतियों का कर्ज बिना किसी सूचना के माफ कर दिया जाता है। लेकिन किसानों का कर्ज माफ नहीं किया जाता। किसान जीएसटी मुक्त खेती की मांग कर रहे हैं। खेती में इस्तेमाल होने वाले यंत्र और वस्तुओं को जीएसटी से मुक्त नहीं किया गया है। फसल बीमा योजना पर उठाए सवाल कसाना ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि यह योजना कागजों में तो पूरी तरह काम कर रही है। लेकिन जमीनी स्तर पर इसका कोई प्रभाव नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि ‘सबका साथ सबका विकास’ का नारा सिर्फ विज्ञापनों तक सीमित है। वास्तविकता में ‘खुद का ही साथ खुद का ही विकास’ हो रहा है। उन्होंने चेतावनी दी कि बेरोजगारी, स्वास्थ्य और महंगाई जैसी समस्याएं भविष्य में और बढ़ेंगी। कर्ज में डूबे किसानों को आत्महत्या करनी पड़ रही है।
कैथल के किसान नेता कसाना का केंद्र पर हमला:बोले-11 साल में किसान, मजदूरों की स्थिति नहीं सुधरी; MSP गारंटी कानून की मांग
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