कैथल में नगर पालिका चीका में वाइस चेयरपर्सन पूजा शर्मा के खिलाफ पार्षदों द्वारा लाया गया अविश्वास प्रस्ताव पारित हो गया। बैठक में कुल 12 पार्षद शामिल हुए और सभी ने प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया। चेयरपर्सन रेखा रानी, उपाध्यक्ष पूजा शर्मा तथा उनके समर्थक पार्षद बैठक में अनुपस्थित रहे। अविश्वास प्रस्ताव पारित होने के बाद पूर्व विधायक कुलवंत बाजीगर ने इसे विकास की जीत करार देते हुए कहा कि अगला कदम चेयरपर्सन रेखा रानी को हटाने का होगा। उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले तीन वर्षों में नगर पालिका में भारी भ्रष्टाचार हुआ है और अब हर घोटाले की जांच करवाई जाएगी। हाईकोर्ट में दी याचिका, 8 को सुनवाई उधर चंडीगढ़ से उपाध्यक्ष पूजा शर्मा और उनके पति, भाजपा नेता राजीव शर्मा ने फोन पर जानकारी दी कि उन्होंने इस मामले में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार के स्थानीय निकाय विभाग को नोटिस जारी करते हुए 8 जुलाई को सुनवाई की तारीख तय की है। राजीव शर्मा ने बताया कि वार्ड नंबर 14 के पार्षद जितेंद्र कुमार के खिलाफ वोट के बदले नोट मामले में एंटी करप्शन ब्यूरो अंबाला ने 20 जून को केस दर्ज किया था। इसी आधार पर 1 जुलाई को लोकल बॉडीज विभाग के डायरेक्टर पंकज कुमार ने जितेंद्र कुमार को सस्पेंड कर दिया था, जिससे वह मतदान के अयोग्य हो गए थे। हालांकि, 2 जुलाई को हरियाणा सरकार के सचिव एवं कमिश्नर विकास गुप्ता ने जितेंद्र कुमार के निलंबन पर आगामी आदेशों तक रोक लगा दी, जिससे वह मतदान में शामिल हो सके। राजीव शर्मा ने इस त्वरित निर्णय पर सवाल खड़े करते हुए इसे संदेहास्पद बताया और इसी आधार पर कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। एक वोट से पलट सकती थी बाजी विशेष बात यह रही कि अविश्वास प्रस्ताव को पास कराने के लिए कम से कम 12 पार्षदों का समर्थन आवश्यक था और जितेंद्र कुमार की सदस्यता रद्द रहने की स्थिति में विपक्षी खेमे के पास सिर्फ 11 वोट ही रह जाते, जिससे प्रस्ताव विफल हो सकता था। ऐसे में उनके निलंबन पर लगी रोक ने पूरी बाज़ी पलट दी। जिला म्युनिसिपल कमिश्नर सुशील कुमार ने दोपहर 12 बजे तक सभी पार्षदों की प्रतीक्षा की, लेकिन जब 12 पार्षदों के अतिरिक्त कोई नहीं आया तो उन्होंने कार्रवाई प्रारंभ की। सभी पार्षदों को एक-एक बैलेट पेपर दिया गया, जिस पर “पक्ष” और “विपक्ष” के दो विकल्प थे। सभी ने गुप्त मतदान कर प्रस्ताव के पक्ष में मत डाले। अविश्वास प्रस्ताव पारित होने के बाद पूर्व विधायक कुलवंत बाजीगर ने सभी पार्षदों व समर्थकों के साथ जश्न मनाया। बता दें कि चेयरपर्सन रेखा रानी, पूर्व विधायक ईश्वर सिंह की पुत्रवधू हैं और कुलवंत बाजीगर लंबे समय से उन्हें पद से हटाने का प्रयास कर रहे हैं। चेयरपर्सन को हटाने के लिए कुल 14 पार्षदों का समर्थन जरूरी है, जबकि अभी तक विपक्ष के पास केवल 12 वोट ही हैं। संख्या पूरी न होने के कारण पहले उपाध्यक्ष पूजा शर्मा को हटाने की रणनीति अपनाई गई। ये पार्षद रहे शामिल बैठक में वार्ड नंबर 1 से सुखबीर सिंह, वार्ड 2 से दलबीर सिंह, वार्ड 3 से अमनदीप कौर, वार्ड 5 से पुष्पा देवी, वार्ड 7 से शालू गोयल, वार्ड 8 से रेखा रानी (जो बैठक से अनुपस्थित रहीं, लेकिन नाम दर्ज है), वार्ड 9 से राजेश कुमार, वार्ड 10 से पूनम रानी, वार्ड 12 से हरीश बब्बू, वार्ड 13 से हरदीप सिंह, वार्ड 14 से जितेंद्र कुमार और वार्ड 16 से तरसेम गोयल उपस्थित रहे और सभी ने प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया।
कैथल में चीका नपा वाइस-चेयरपर्सन के खिलाफ अविश्वास पारित:अब चेयरपर्सन रेखा रानी पर टिकी नजरें, हाईकोर्ट में दी चुनौती
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