कैथल जिले में पिछले सप्ताह आए तूफान और आंधी ने किसानों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। बिजली के पोल और तारें टूटने से खेतों में सिंचाई बाधित हो गई है, जिससे धान की पौध सूखने के कगार पर पहुंच गई है। किसान संगठन ने बिजली निगम को चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही आपूर्ति बहाल नहीं की गई तो आंदोलन किया जाएगा। भारतीय किसान यूनियन के युवा प्रदेशाध्यक्ष राजीव आर्य ढांड ने बताया कि कस्बा सहित आसपास के गांवों में किसानों द्वारा तैयार की गई धान की पौध बिजली न होने के कारण सूखने की कगार पर है। किसानों ने महंगे बीज खरीदे थे, लेकिन पानी की किल्लत से न केवल मौजूदा पौध को नुकसान हो रहा है, बल्कि अगली फसल की बुवाई में भी देरी होगी। तूफान से हुआ नुकसान आर्य ने बताया कि पिछले सप्ताह आए तूफान और आंधी में बड़ी संख्या में बिजली के पोल टूटकर खेतों में गिर गए और तारें भी क्षतिग्रस्त हो गईं। बिजली न होने से किसान सिंचाई नहीं कर पा रहे हैं। कुछ किसान महंगे दामों पर डीजल खरीदकर इंजन से सिंचाई करने को मजबूर हैं। निगम की कार्यप्रणाली पर सवाल किसान नेता ने आरोप लगाया कि बिजली निगम टूटे पोलों और तारों की मरम्मत में बेहद धीमी गति से काम कर रहा है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि जल्द ही बिजली आपूर्ति बहाल नहीं की गई तो किसान निगम कार्यालय पर प्रदर्शन करेंगे। खेतों में जल्द सप्लाई शुरू होगी बिजली निगम ढांड के एसडीओ प्रिंस भूरा ने कहा कि प्राकृतिक आपदा के कारण बिजली आपूर्ति बाधित हुई थी। सर्वप्रथम गांवों में बिजली बहाल की गई और अब खेतों में भी काम चल रहा है। बारिश के कारण खेतों में मशीनरी न ले जा पाने से मरम्मत कार्य में देरी हो रही है।
कैथल में धान की पौध सूखने का खतरा:आंधी में पोल टूटने से नहीं आ रही बिजली; किसान नहीं कर पा रहे सिंचाई
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