भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) ने कैथल जिला सचिवालय पर धान की सरकारी खरीद शुरू न होने के विरोध में प्रदर्शन किया। युवा प्रदेशाध्यक्ष विक्रम कसाना और जिला अध्यक्ष गुरनाम सिंह फरल के नेतृत्व में सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक सांकेतिक भूख हड़ताल की गई। इस दौरान सरकार विरोधी नारे भी लगाए गए। युवा प्रदेशाध्यक्ष विक्रम कसाना एडवोकेट ने धरने को संबोधित करते हुए बताया कि केंद्र सरकार की नीति के अनुसार धान की सरकारी खरीद हर साल 1 अक्टूबर से शुरू होती है। ज्यादातर हाइब्रिड बीज की खेती हरियाणा और पंजाब में यह तारीख काफी देर से मानी जाती है। उन्होंने कहा कि जब 1 अक्टूबर की खरीद नीति बनी थी, तब देसी और लंबी अवधि के बीज बोए जाते थे, जो देर से पकते थे और अक्टूबर में मंडियों में आते थे। कसाना ने कहा कि अब ज्यादातर किसान हाइब्रिड बीज की खेती करते हैं, जिनकी फसल 85-90 दिनों में पक कर तैयार हो जाती है। सितंबर के दूसरे सप्ताह से ही धान मंडियों में आना शुरू हो गया है। व्यापारियों को औने-पौने दामों पर बेचना 1 अक्टूबर तक सरकारी खरीद शुरू न होने के कारण किसानों को अपना काफी धान निजी व्यापारियों को औने-पौने दामों पर बेचना पड़ता है, जिससे उन्हें भारी आर्थिक नुकसान होता है।किसानों को हो रहे आर्थिक नुकसान के अलावा, मंडियों में बाजरे का भाव भी न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से काफी नीचे मिल रहा है। यूनियन ने बाजरे की सरकारी खरीद तत्काल शुरू करने और ई-शीत पूर्ति पोर्टल को 30 सितंबर तक खोलने की मांग की। यूनियन ने दी चेतावनी भाकियू (चढूनी) ने बताया कि 10 सितंबर को मुख्यमंत्री हरियाणा के साथ हुई किसान शिष्टमंडल वार्ता में इन सभी मुद्दों से सरकार को अवगत करा दिया गया था। यूनियन ने चेतावनी दी है कि यदि दोनों फसलों (धान और बाजरा) की सरकारी खरीद तत्काल शुरू नहीं की गई, तो वे राज्यभर के किसानों के साथ मिलकर मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने, धरना देने और आंदोलन तेज करने के लिए मजबूर होंगे। इसकी पूरी जिम्मेदारी सरकार की होगी।
कैथल में धान खरीद में देरी, किसानों की भूख हड़ताल:भाकियू की ई-पोर्टल खोलने की मांग, सरकार विरोधी नारे लगाए
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