कैथल में वन विभाग के अधिकारियों पर FIR के आदेश:सड़क पर झुके पेड़ को कटवाने में देरी, पब्लिक हेल्थ पर भी DDR

by Carbonmedia
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कैथल में डीसी ने वन विभाग द्वारा चंदाना रोड पर सिद्धि विनायक मिल के पास एक झुके हुए पेड़ को कटवाने में देरी करने पर वन विभाग के अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश जारी किए। वहीं जनस्वास्थ्य विभाग द्वारा करनाल रोड पर लोक निर्माण विभाग की सड़क को बिना अनुमति के उखाड़ने पर संबंधित के खिलाफ डीडीआर दर्ज करने के भी निर्देश जारी किए। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अगर तय समय सीमा में इस सड़क की मरम्मत नहीं की गई तो डीडीआर को एफआईआर में बदल दिया जाए। एक महीने में गई 26 लोगों की जान डीसी प्रीति लघु सचिवालय में सड़क सुरक्षा समिति एवं सुरक्षित स्कूल वाहन पॉलिसी के तहत आयोजित बैठक में अधिकारियों को दिशा निर्देश दे रहीं थीं। उन्होंने कहा कि मई माह में 31 सड़क हादसे हुए और इनमें 26 लोगों ने जान गंवाई है। लोकनिर्माण विभाग, मार्केटिंग बोर्ड, नगर निकाय विभाग अपनी सड़कों को दुरुस्त करें और सभी सड़कों की बर्म की सफाई एवं उसे मजबूत करवाएं। गांव में मनरेगा तथा शहरी क्षेत्र में मशीन के साथ इनकी सफाई करवाएं। सड़कों की बर्म पर हुए अतिक्रमण को तुरंत प्रभाव से हटाया जाए। इसके अलावा सभी जेई से यह प्रमाण-पत्र भी लें कि उनके अधीन आने वाली सड़कों की बर्म सही है। पेड़ों की झुकी हुई टहनियों की छंटाई करवाएं वन विभाग को निर्देश दिए कि सड़कों के साथ खडे़ पेड़ों की झुकी हुई टहनियों को निरंतर छंटाई करवाएं। इस कार्य में कोई भी लापरवाही न बरती जाए, क्योंकि यह झुकी हुई टहनियां सड़कों पर वाहनों को अवरूद्ध करती है तथा दुर्घटनाओं का कारण बनती है। उन्होंने विश्वकर्मा चौक सहित अन्य जगहों पर अतिक्रमण को हटाने के लिए नगर निकाय को निर्देश जारी किए। इसी प्रकार पुलिस विभाग को छोटू राम चौक पर ट्रायल के तौर एक सप्ताह के लिए वन-वे शुरू करने के निर्देश दिए। तितरम मोड पर लगाई जा रही लाइट के कार्य में तेजी लाने के लिए एनएचएआई विभाग को निर्देशित किया गया। सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में केवल विभागाध्यक्ष ही भाग लें।
डीसी ने ओवरलोडिड वाहनों पर संज्ञान लेते हुए आरटीए विभाग को निर्देश दिए कि ऐसे वाहनों के चालान किए जाएं। पराली व तुड़ा की ट्रैक्टर-ट्रालियों पर रिफ्लैक्टर टेप लगाना सुनिश्चित किया जाए। अगले महीने से स्कूल खुलने जा रहे हैं। ऐसे में सभी निजी स्कूल संचालक अपनी बसों को सुरक्षित स्कूल वाहन पॉलिसी के तहत सभी नियमों को पूरा करते हुए चलाना सुनिश्चित करें।

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