कैथल के एक गांव के सरकारी स्कूल में टीचर द्वारा 10वीं कक्षा की नाबालिग छात्रा से छेड़खानी के मामले में स्कूल की अन्य छात्राएं टीचर के पक्ष में आ गई हैं। इस संबंध में छात्राएं एसपी से मिलने के लिए लघु सचिवालय में पहुंची और टीचर के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर को रद्द करने की मांग की। छात्राओं ने बताया कि स्कूल की छात्रा द्वारा टीचर पर जो आरोप लगाए गए हैं, वे निराधार हैं। पुलिस की ओर से मामले में उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया गया। टीचर ही बना रहे लड़की को ढाल छात्राओं ने कहा कि टीचर ने ऐसा कोई काम नहीं किया है। स्कूल के ही कुछ अन्य टीचर उसके साथ राजनीति कर रहे हैं और उसी के चलते उन्होंने लड़की को ढाल बनाकर उस पर केस दर्ज करवाया है। उन्होंने मांग की कि टीचर पर दर्ज केस वापस लिया जाए और राजनीति करने वाले शिक्षकों पर कार्रवाई की जाए। बता दें कि स्कूल की एक नाबालिग छात्रा ने अपने ही शिक्षक पर छेड़छाड़ के आरोप लगाए थे। आरोपी शिक्षक विद्यार्थियों को अंग्रेजी विषय पढ़ाता है। आरोप है कि शिक्षक ने 16 जुलाई को लैब में जाकर छात्रा से छेड़खानी की। दूसरी ओर जिस शिक्षक पर आरोप लगे हैं, उसने आरोपों को नकार दिया। शिक्षक का कहना है कि छात्रा लैब में जाकर अश्लील वीडियो देख रही थी। जब उसे रोका तो उसे देख लेने की धमकी दी गई। जब छात्रा ने स्कूल प्रबंध कमेटी को शिकायत दी तो मामले में स्कूल में पहले दोनों पक्षों की पंचायत भी हुई, लेकिन सुलह न होने पर छात्रा के परिवार ने महिला पुलिस थाना में शिकायत दी है। डीएसपी और महिला थाना पुलिस की टीम ने स्कूल में जाकर छात्रा के बयान दर्ज करवाए। शिक्षक के खिलाफ छेड़छाड़ और एससी/एसटी सहित विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज करने की शिकायत दी। शिक्षक बोला- आरोप झूठे, वीडियो देखने पर टोका था इस बारे में शिक्षक ने बताया था कि उस पर लगाए गए आरोप झूठे हैं। 16 जुलाई को भाषा लैब में मैंने दो छात्राओं को अश्लील वीडियो देखने पर टोका था। परिवार को स्कूल में बुलाने के लिए कहा तो छात्रा ने उसे देख लेने की धमकी दी। 19 जुलाई को छात्रा ने कक्षा में आकर उससे माफी भी मांग ली और शिकायत भी वापस ले ली। अब स्कूल के ही दो अध्यापकों ने छात्रा को उकसाया और उसके खिलाफ शिकायत दिलवाई।
कैथल में शिक्षक द्वारा छात्रा से छेड़खानी का मामला:टीचर के पक्ष में आई छात्राएं, एसपी से मिलने पहुंची सचिवालय
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