कैथल में भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) हरियाणा के युवा प्रदेशाध्यक्ष राजीव आर्य ढांड ने केंद्र सरकार से महत्वपूर्ण मांग की है। उन्होंने कहा कि सरकार मोटे धान के समर्थन मूल्य पर पुनर्विचार करे। साथ ही बारीक धान का भी समर्थन मूल्य घोषित करे। राजीव आर्य ने बताया कि सरकार ने मोटे धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2 हजार 389 रुपए प्रति क्विंटल तय किया है। यह पिछले साल से केवल 3 प्रतिशत ज्यादा है। यह रेट लागत मूल्य से काफी कम है। हालांकि सरकार दावा कर रही है कि यह लागत से डेढ़ गुणा है। उत्पादन लागत से भी कम दाम उन्होंने बताया कि किसान करीब 50 प्रतिशत बारीक धान की खेती करते हैं। मंडियों में इस किस्म के धान का कोई समर्थन मूल्य नहीं है। इसलिए सरकारी खरीद भी नहीं होती। व्यापारी किसानों से उत्पादन लागत से भी कम दाम पर फसल खरीदते हैं। इससे किसान कर्ज में डूबता जा रहा है। राजीव आर्य ने यह भी बताया कि कुछ जमीनों में सिर्फ बारीक धान ही हो पाता है। ऐसे में किसान मजबूरी में बारीक धान की खेती करते हैं।
कैथल मे समर्थन मूल्य पर पुनर्विचार की मांग:किसान बोले-धान के उत्पादन लागत से भी कम दाम, कर्ज में डूब रहा किसान
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