कैबिनेट मंत्री बेदी बोले, जांच करा कार्रवाई करेंगे:तीन पुलिसकर्मियों पर प्रताड़ना-बदसलूकी का आरोप, पीड़ित सोशल वर्कर का परिवार चंडीगढ पहुंचा

by Carbonmedia
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सिरसा जिले के सोशल यूथ क्लब के प्रधान पुलिसकर्मियों द्वारा प्रताड़ना और बदसलूकी करने के मामले में कैबिनेट मंत्री कृष्ण बेदी से मिलने चंडीगढ पहुंचे। इस दौरान उनके साथ पत्नी एवं उनके परिवार के सदस्य मौजूद रहे और मंत्री को अपनी समस्या से अवगत करवाया। साथ ही उक्त पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा। इस पर मंत्री ने भी उनको सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया। इससे पहले सोशल वर्कर सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा से भी मिल चुके हैं। हाल ही में उन्होंने ऐलनाबाद सब डिविजन कार्यालय पर प्रदर्शन किया था। जब कोई कार्रवाई होती नहीं दिखी तो वह मंत्री से मिलने गए और कार्रवाई की मांग उठाई। पीड़ित सोशल वर्कर का कहना है कि मंत्री ने कार्रवाई का आश्वासन दिया है। उम्मीद है कि मामले की सही से जांच होगी। मगर अभी तक उनके पास पुलिस से कोई फोन नहीं आया है कि जांच में शामिल करने के लिए। वह डीएसपी से भी मिले हैं, उन्होंने कहा कि जांच चल रही है। वहीं नाथुसरी थाना पुलिस का कहना है कि इस मामले में डीएसपी जांच कर रहे हैं। इसके बाद उनको पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा। यह जानिए पूरा मामला सिरसा के गांव निरबाण निवासी सोशल यूथ क्लब के प्रधान अशोक कुमार ने बताया कि दो दिन पहले पड़ोस में दो परिवारों में चिट्‌टा या नशा को लेकर झगड़ा हो रखा था। उस समय वह भी वहां पर यूथ क्लब प्रधान के नाते वहां चला गया। उसमें से एक उनका परिवार था। इसके बाद उसी पर नशा बेचने का आरोप लगा दिया और बोले कि प्रधानगी करता है। किराना की दुकान चलाता है अशोक ने बताया कि वह गांव में किराना की दुकान करता है। तीनों पुलिसकर्मी रात को आए और जबरदस्ती उसे उठा ले गए। गाड़ी में उसके साथ गलत काम करने की भी कोशिश की। उस समय शिकायत करने वाला भी गाड़ी में था, उसे भी पीट रहे थे। उसके साथ गाड़ी में भी बहुत गलत काम किया और उसे जातिसूचक गाली-गलौज भी किया। गाड़ी में उसके बाल पकड़े खींचा और उसके सिर को पकड़कर गाड़ी के शीशों पर मारा। अशोक ने बताया कि थाने में ले जाने पर उसका प्राइवेट पार्ट से खींचतान की और एक पुलिसकर्मी ने उसे उलटा पटककर बेल्ट से पीटा और दूसरे पुलिसकर्मी ने जूते से गर्दन दबा ली। उसने उनके सामने हाथ जोड़े, पर नहीं छोड़ा। रात को ढाई बजे परिवार वाले थाने में पहुंचे और उसे छुड़वाया। मैंने उनसे कहा कि मैं सोशल वर्कर हूं और आप गलत कर रहे हैं। पुलिसकर्मियों ने एक न सुनी। उसके पास सुसाइड के सिवा कोई रास्ता नहीं बचा था, पर घरवालों ने बचा लिया।

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