दुनिया के कई देशों में कोरोना वायरस के मामले लगातार मिल रहे हैं. भारत में भी इस वायरस के नए वेरिएंट्स से पीड़ित लोग लगातार सामने आ रहे हैं. 2 जून तक भारत में 3758 एक्टिव केस मिल चुके हैं. वहीं, 32 लोगों ने अपनी जान गंवाई है. इनमें 22 साल की एक युवती भी शामिल है. आइए जानते हैं कि कोविड-19 के वायरस से किन लोगों की मौत हो रही है? क्या इसके पीछे शरीर में पहले से मौजूद बीमारियां वजह हैं?
कोविड-19 से मौत का खतरा किन लोगों को ज्यादा?
नई रिसर्च और WHO की हालिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कोविड-19 से मौत का खतरा कुछ लोगों को ज्यादा होता है. दरअसल, इनमें 60 साल से ज्यादा उम्र के लोग खासतौर पर शामिल हैं. 2020 के दौरान चीन के 44,000 मामलों पर रिसर्च की गई थी. इसमें सामने आया था कि 80 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में मृत्यु दर मध्यम आयु वर्ग की तुलना में 10 गुना ज्यादा थी. नई रिसर्च में यह भी पाया गया कि नए वेरिएंट्स जैसे JN.1 और NB.1.8.1 भी बुजुर्गों में ज्यादा गंभीर प्रभाव डाल सकते हैं.
पहले से मौजूद बीमारियां कितनी खतरनाक?
डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, पहले से मौजूद हेल्थ प्रॉब्लम्स की वजह से कोविड-19 से मौत का खतरा कई गुना बढ़ जाता है. ICMR की गाइडलाइंस के अनुसार, डायबिटीज के मरीजों में अगर ब्लड शुगर अनियंत्रित है तो शरीर की प्रतिरोधक क्षमता कोविड-19 के खिलाफ कमजोर हो जाती है. दरअसल, इससे वायरस के कारण होने वाली सूजन बढ़ जाती है और फेफड़ों समेत अन्य अंगों को नुकसान पहुंचता है. वहीं, हार्ट डिजीज जैसे हाई ब्लड प्रेशर, कोरोनरी आर्टरी डिजीज या या हार्ट फेल्योर कोविड-19 के कारण होने वाली दिक्कतों को बढ़ाती हैं. बता दें कि यह वायरस हार्ट की मांसपेशियों पर प्रेशर डालता है, जिससे हार्ट अटैक या स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है.
इन बीमारियों में भी होती है दिक्कत
क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD), अस्थमा या टीबी जैसी बीमारियों से पीड़ित लोगों के फेफड़ों की क्षमता कम होती है. अगर ऐसे लोग कोविड-19 की चपेट में आते हैं तो मौत का खतरा ज्यादा बढ़ जाता है. वहीं, क्रॉनिक किडनी रोग या डायलिसिस पर निर्भर मरीजों में कोविड-19 गंभीर हो सकता है, क्योंकि यह किडनी की कार्यक्षमता को ज्यादा प्रभावित करता है. कैंसर के मरीजों खासकर कीमोथेरेपी ले रहे लोगों में इम्यून सिस्टम कमजोर होता है, जिससे कोरोना वायरस से लड़ने की क्षमता कम हो जाती है.
इन लोगों को ज्यादा होता है खतरा
एक रिसर्च में सामने आया है कि पुरुषों में कोविड-19 से मौत का खतरा महिलाओं की तुलना में ज्यादा होता है. इसका कारण हार्मोनल डिफरेंस और पुरुषों में धूम्रपान की आदत हो सकते हैं. WHO की 2020 की रिसर्च के मुताबिक, पुरुषों में मृत्यु दर महिलाओं की तुलना में 1.5 गुना ज्यादा मिली थी.
क्या पहले से मौजूद बीमारियां मौत की असली वजह?
ICMR की 2024 की एक रिपोर्ट के अनुसार, कोविड-19 से होने वाली 80% से अधिक मौतें उन लोगों में हुईं, जिन्हें पहले से एक या अधिक गंभीर बीमारियां थीं। दरअसल, इन बीमारियों की वजह से कोरोना वायरस ज्यादा खतरनाक हो जाता है. बता दें कि डायबिटीज, हृदय रोग और मोटापा शरीर में क्रॉनिक सूजन को बढ़ाते हैं, जो कोविड-19 के कारण होने वाली साइटोकाइन स्टॉर्म (अत्यधिक सूजन) को और गंभीर बनाता है. वहीं, कोविड-19 मुख्य रूप से फेफड़ों को प्रभावित करता है. अगर किसी को पहले से फेफड़ों की बीमारियां हैं तो उनकी सांस लेने की क्षमता पर असर पड़ता है. इसके अलावा कमजोर इम्यून सिस्टम कोरोना वायरस को रोकने में असमर्थ होता है, जिससे निमोनिया, ARDS और मल्टी-ऑर्गन फेल्योर का खतरा बढ़ता है.
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