पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में रविवार (3 अगस्त, 2025) की सुबह एक 63 वर्षीय बुजुर्ग व्यक्ति का शव घर में फंदे से लटका हुआ पाया गया. मृतक के परिवार ने दावा किया कि मृतक इस बात को लेकर डरे हुए थे कि अगर राष्ट्रीय नागरिक पंजी (NRC) लागू किया गया, तो उन्हें बांग्लादेश भेज दिया जाएगा.
मामले में एक पुलिस अधिकारी ने कहा, “शुरुआती जांच से पता चला है कि मृतक दिलीप कुमार साहा 1972 में ढाका के नवाबगंज से कोलकाता आए थे और रीजेंट पार्क इलाके के आनंदपल्ली पश्चिम में रह रहे थे. साहा दक्षिण कोलकाता के ढाकुरिया स्थित एक निजी स्कूल में गैर-शिक्षण कर्मचारी के रूप में काम करते थे. आज रविवार (3 अगस्त) की सुबह साहा की पत्नी ने उन्हें कई बार आवाज दी, लेकिन उनके बंद कमरे से कोई जवाब नहीं मिला. इसके बाद उन्होंने पड़ोस के घर से अपनी एक रिश्तेदार को बुलाया. उन्होंने दरवाजा तोड़ा तो साहा को पंखे से लटका हुआ पाया.”
पिछले काफी समय से तनाव में थे- मृतक की पत्नी
मृतक की पत्नी आरती साहा ने कहा, “उनके पति इस बात को लेकर चिंतित थे कि एनआरसी लागू होने के बाद उन्हें बांग्लादेश भेज दिया जाएगा.” उन्होंने कहा, “वह इस बात को लेकर पिछले कुछ समय से काफी तनाव में थे. कोई और तनाव नहीं था. वह बचपन में ही कोलकाता आ गए थे. उन्हें डर था कि उन्हें निरुद्ध केंद्र भेज दिया जाएगा और फिर वापस बांग्लादेश भेज दिया जाएगा, जहां उनका कोई नहीं था. उनके पास वैध मतदाता पहचान पत्र और अन्य दस्तावेज थे.”
पुलिस अधिकारी ने कहा, “संदेह है कि इसी डर के चलते उन्होंने आत्महत्या की. इसके अलावा कमरे से एक सुसाइड नोट बरामद हुआ है. फिलहाल मामले की जांच की जा रही है.”
पश्चिम बंगाल के ऊर्जा मंत्री ने केंद्र पर साधा निशाना
ऊर्जा मंत्री और स्थानीय तृणमूल कांग्रेस (TMC) विधायक अरूप बिस्वास घटनास्थल पर पहुंचे और परिवार के सदस्यों से बात की. बिस्वास ने कहा, ‘‘देश से निकाले जाने का डर किसी व्यक्ति को ऐसा कदम उठाने पर भी मजबूर कर सकता है. उन्होंने (केंद्र) मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के नाम पर जो शुरू किया है, वह उनके जनविरोधी रवैये को दर्शाता है और नतीजा आपके सामने है.’’
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