कौन दे सकेगा और कितने सब्जेक्ट में दोबारा होगा एग्जाम? CBSE में दो परीक्षा से जुड़ी जानें हर बात

by Carbonmedia
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साल 2026 से केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) एक बड़ा बदलाव करने जा रहा है, जिससे लाखों छात्रों को राहत मिलने वाली है. बोर्ड अब कक्षा 10वीं की परीक्षाएं साल में दो बार आयोजित करेगा. यह बदलाव नई शिक्षा नीति (NEP) के तहत लाया गया है, जिसका उद्देश्य छात्रों पर से परीक्षा का दबाव कम करना और उन्हें बेहतर प्रदर्शन का दूसरा मौका देना है.
कब और कैसे होगी दो बार परीक्षा?
CBSE ने साफ किया है कि कक्षा 10वीं की बोर्ड परीक्षा अब दो चरणों में ली जाएगी. पहली परीक्षा फरवरी में होगी और दूसरी परीक्षा मई में आयोजित की जाएगी. यह बिल्कुल वैसा ही होगा जैसे कुछ प्रतियोगी परीक्षाएं दो बार होती हैं.
हालांकि, इन दोनों परीक्षाओं के लिए कुछ नियम तय किए गए हैं. पहले चरण की परीक्षा में शामिल होना जरूरी होगा, जबकि दूसरी परीक्षा वैकल्पिक रहेगी. यानी अगर छात्र पहले चरण में अच्छे अंक नहीं ला पाता है, तो वह मई में होने वाली परीक्षा में दोबारा बैठ सकता है.यह भी पढ़ें- NEET UG 2025 का रिजल्ट घोषित, लाखों मेडिकल छात्रों का इंतजार हुआ खत्म; यहां देखें अपना स्कोर
कितने विषयों में मिल पाएगा मौका?
CBSE की नई गाइडलाइन के मुताबिक, सभी मुख्य विषयों में दोबारा परीक्षा का विकल्प मिल सकता है. इसमें गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, अंग्रेज़ी और हिंदी जैसे विषय शामिल हैं. हालांकि, छात्र केवल उन्हीं विषयों में दोबारा परीक्षा दे सकेंगे जिनमें वे सुधार करना चाहते हैं.
इससे छात्रों को यह सुविधा मिलेगी कि वे अपने कमजोर विषयों पर दोबारा मेहनत कर सकें और बेहतर अंक हासिल कर सकें. यह सुविधा वैसे छात्रों के लिए फायदेमंद होगी, जो पहली परीक्षा में किसी कारणवश अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाते.यह भी पढ़ें- M.Tech की पढ़ाई के लिए कितना मिल सकता है एजुकेशन लोन? जानिए EMI और आसान भुगतान का तरीका
आंतरिक मूल्यांकन और बोर्ड नंबर
CBSE ने यह भी साफ किया है कि आंतरिक मूल्यांकन (Internal Assessment) केवल एक बार ही होगा. इसका मतलब है कि छात्रों को प्रैक्टिकल और इंटरनल असाइनमेंट दोबारा नहीं देने होंगे. केवल बोर्ड परीक्षा के थ्योरी पेपर में ही सुधार का अवसर मिलेगा.
छात्रों को मिलेगा सुधार का मौका
CBSE के परीक्षा नियंत्रक संयम भारद्वाज ने बताया कि यह फैसला छात्रों की सुविधा के लिए लिया गया है. इससे छात्रों को न सिर्फ तनाव कम करने में मदद मिलेगी, बल्कि उन्हें अपने अंकों में सुधार का भी मौका मिलेगा.इसे भी पढ़ें- स्मार्ट एजुकेशन और डिजिटल एजुकेशन पर क्या कर रही सरकार? जानें अब तक का पूरा हाल

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