क्या काली ब्रा पहनने से भी हो जाता है कैंसर? डॉक्टर से जानें इस बात में कितनी है हकीकत

by Carbonmedia
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सोशल मीडिया और व्हाट्सएप पर आजकल एक मैसेज काफी ज्यादा वायरल हो रहा है. दावा किया जा रहा है कि काली ब्रा पहनने से ब्रेस्ट कैंसर हो सकता है. कई लोग इसे सच मानकर डर रहे हैं तो कुछ इसे मजाक में उड़ा रहे हैं. क्या वाकई काली ब्रा से कैंसर का खतरा होता है या यह सिर्फ अफवाह है? डॉक्टरों से जानते हैं कि इस बात में कितनी हकीकत है? 
काली ब्रा और कैंसर की अफवाह कहां से शुरू हुई?
पिछले कुछ साल के दौरान इंटरनेट पर बार-बार यह दावा किया जा चुका है कि काली ब्रा खासकर टाइट या अंडरवायर वाली ब्रा से ज्यादा गर्मी पैदा होती है और यह स्किन को नुकसान पहुंचाती है. ऐसे में कैंसर होने का खतरा बढ़ता है. कुछ लोग कहते हैं कि काले रंग की ब्रा सूरज की किरणें ज्यादा सोखती है, जिससे ब्रेस्ट टिश्यू में गर्मी बढ़ती है और कैंसर की आशंका बढ़ जाती है. 
क्या कहती है रिसर्च?
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और कैंसर रिसर्च यूके जैसे बड़े संगठनों की नई स्टडीज में ऐसा कोई सबूत नहीं मिला कि ब्रा का रंग ब्रेस्ट कैंसर का कारण बनता है. 2014 में फ्रेड हचिंसन कैंसर रिसर्च सेंटर सिएटल की एक स्टडी में 1500 महिलाओं पर रिसर्च की, जिसमें ब्रा पहनने की आदतों जैसे समय, टाइटनेस और रंग आदि का कनेक्शन ब्रेस्ट कैंसर के साथ नहीं पाया गया. 2023 में कैंसर रिसर्च यूके ने भी इस बात को दोहराया कि ब्रा का रंग या स्टाइल कैंसर से नहीं जुड़ा है. वहीं, 2024 में पब्लिश एक स्टडी में मैमोग्राम और बायोप्सी डेटा के आधार पर देखा गया कि ब्रेस्ट कैंसर के लिए रिस्क फैक्टर्स में जेनेटिक म्यूटेशन (BRCA1 और BRCA2 जीन), फैमिली हिस्ट्री, हार्मोनल चेंजेज, मोटापा, शराब, स्मोकिंग और रेडिएशन का खतरा शामिल है. हालांकि, ब्रा का रंग या उसका टाइट होना, इसमें कहीं नहीं आता.
इस मामले में क्या कहते हैं डॉक्टर?
20 साल से ब्रेस्ट कैंसर के मरीजों का इलाज कर रहे नई दिल्ली में ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. रमेश शर्मा कहते हैं कि काली ब्रा और कैंसर का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है. यह एक मिथक है, जो सोशल मीडिया पर गलत जानकारी से फैला. ब्रेस्ट कैंसर का खतरा जेनेटिक्स, लाइफस्टाइल और उम्र जैसे कारणों से बढ़ता है. बहुत टाइट ब्रा पहनने से स्किन में जलन महसूस हो सकती है, लेकिन इसकी वजह से कैंसर नहीं होता है. उन्होंने सलाह दी कि महिलाओं को नियमित रूप से मैमोग्राम और सेल्फ-चेकअप करवाना चाहिए. अगर आपको ब्रेस्ट में गांठ, निप्पल से स्राव या स्किन में बदलाव दिखे तो तुरंत डॉक्टर से मिलें.
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Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

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