दुनिया के सबसे उम्रदराज मैराथन धावक ‘टर्बन्ड टॉरनेडो’ के नाम से मशहूर फौजा सिंह का निधन 114 वर्ष की उम्र में हो गया. जालंधर-पठानकोट हाईवे पर सोमवार (14 जुलाई) को वह एक सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल हो गए थे. इसके बाद उन्हें जालंधर के डीएमसी अस्पताल (दयानंद मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल) में भर्ती कराया गया, जहां उनकी मौत हो गई. आइए जानते हैं कि 114 साल के फौजा सिंह की लंबी उम्र का राज क्या था और रनिंग से कितना फायदा मिलता है?
फौजा सिंह की लंबी उम्र का राज
फौजा सिंह का जन्म 1 अप्रैल 1911 के दिन पंजाब के जालंधर जिले के ब्यास पिंड में हुआ था. बचपन में उनके पैर बेहद कमजोर थे. ऐसे में वह पांच साल की उम्र तक चल नहीं पाते थे. इसके बावजूद वह दुनिया के सबसे उम्रदराज मैराथन धावक बने. उनकी लंबी उम्र का राज उनकी पॉजिटिव लाइफस्टाइल, बैलेंस्ड डाइट और रेगुलर एक्सरसाइज में छिपा था.
फौजा सिंह का इलाज करने वाले जालंधर के सीनियर न्यूरोसर्जन डॉ. गुरप्रीत सिंह के मुताबिक, फौजा सिंह की फिजिकल और मेंटल मजबूती ही उनकी लंबी उम्र का आधार थी. दौड़, ध्यान और बैलेंस्ड डाइट उनके डेली रूटीन का हिस्सा थे. मानसिक तनाव से बचने के लिए वह हमेशा पॉजिटिव रहते थे. वहीं, फौजा सिंह ने एक इंटरव्यू में अपनी फिटनेस का राज साझा किया था. उन्होंने कहा था कि मैं हमेशा खुश रहता हूं. रोजाना पंजाबी पिन्नी खाता हूं. इसके बाद गुनगुना पानी पीता हूं.रात में सोने से पहले एक गिलास दूध और हर मौसम में दही लेता हूं. इसके अलावा उन्होंने जंक फूड से परहेज करने और नियमित सैर व व्यायाम की सलाह दी थी.
रनिंग से बॉडी को कितना मिलता है फायदा?
रनिंग से न केवल फिजिकल हेल्थ बेहतर होती है, बल्कि मेंटल और इमोशनल हेल्थ के लिए भी फायदेमंद होती है. बता दें कि फौजा सिंह ने 89 वर्ष की उम्र में दौड़ना शुरू किया. उस वक्त वह अपनी पत्नी जियान कौर और बेटे कुलदीप की मौत के बाद डिप्रेशन से जूझ रहे थे. रनिंग ने उन्हें न केवल फिजिकली मजबूत किया, बल्कि मेंटली भी संतुलित रखा. जालंधर में कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. अमरजीत कौर बताती हैं, रनिंग कार्डियोवैस्कुलर एक्सरसाइज है, जिससे हार्ट हेल्थ बेहतर होती है. ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहता है और कोलेस्ट्रॉल का लेवल भी कम होता है. नियमित दौड़ने से मांसपेशियां मजबूत होती हैं. हड्डियों की डेंसिटी बढ़ती है. साथ ही, तनाव कम होता है. आइए जानते हैं कि रनिंग से क्या-क्या फायदे होते हैं?
हार्ट हेल्थ: रनिंग से हार्ट की मांसपेशियां मजबूत होती हैं और ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है. एक स्टडी के मुताबिक, सप्ताह में 150 मिनट की मध्यम गति की रनिंग हार्ट डिजीज के खतरे को 30 पर्सेंट तक कम कर सकती है.
मेंटल हेल्थ: दौड़ने से एंडोर्फिन हार्मोन का स्राव बढ़ता है, जो तनाव और डिप्रेशन को कम करता है. फौजा सिंह ने खुद कहा था कि रनिंग ने उन्हें डिप्रेशन से उबरने में मदद की.
हड्डियों और मांसपेशियों की मजबूती: नियमित दौड़ से हड्डियों का घनत्व बढ़ता है, जो ऑस्टियोपोरोसिस जैसी दिक्कतों को रोकता है.
इम्यून सिस्टम: रनिंग से इम्यून सिस्टम मजबूत होता है, जिससे बीमारियों से लड़ने की क्षमता बढ़ती है.
उम्र में इजाफा: एक रिसर्च के अनुसार, रेगुलर एक्सरसाइज करने वाले लोगों की उम्र नॉर्मल लोगों के मुकाबले 3 से 7 साल तक ज्यादा हो सकती है.
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