क्या बिना ट्रांसप्लांट ठीक हो सकता है सना मकबूल का लिवर सिरोसिस, ऐसा होना कितना पॉसिबल?

by Carbonmedia
()

Liver Cirrhosis : टीवी एक्ट्रेस और मॉडल सना मकबूल के लिवर सिरोसिस से पीड़ित होने की खबर सामने आने के बाद फैंस चिंतित हैं और यह सवाल उठ रहे हैं कि क्या इस गंभीर बीमारी का इलाज बिना लिवर ट्रांसप्लांट के संभव है? बता दें कि लिवर सिरोसिस एक क्रॉनिक और प्रोग्रेसिव बीमारी है, जिसमें लिवर की कोशिकाएं धीरे-धीरे क्षतिग्रस्त होकर फाइब्रोसिस में बदल जाती हैं. यह स्थिति लिवर के सामान्य कार्य जैसे टॉक्सिन को बाहर निकालना, पाचन में सहायता करना और खून को साफ करने की क्षमता को प्रभावित करती है. अब सवाल यह उठता है कि क्या यह बीमारी बिना लिवर ट्रांसप्लांट के ठीक हो सकती है? इसका जवाब आसान नहीं है, क्योंकि यह इस बात पर निर्भर करता है कि बीमारी किस स्टेज पर है.
लिवर सिरोसिस के स्टेज
कम्पेन्सेटेड सिरोसिस (Compensated Cirrhosis)
यह बीमारी की शुरुआती अवस्था होती है, जहां लिवर क्षतिग्रस्त होता है लेकिन अभी भी अपना काम किसी हद तक कर रहा होता है. इस स्टेज पर मरीज को अधिक लक्षण नहीं दिखते, और सही इलाज, जीवनशैली में बदलाव, और दवाइयों के सहारे स्थिति को स्थिर रखा जा सकता है. इस स्टेज पर बिना ट्रांसप्लांट इलाज संभव है.
ये भी पढ़ें – क्या चेहरे पर लगा सकते हैं सरसों का तेल? जानिए फायदे और नुकसान
डी-कम्पेन्सेटेड सिरोसिस (Decompensated Cirrhosis)
जब लिवर पूरी तरह काम करना बंद कर देता है और व्यक्ति को पीलिया, पेट में पानी भरना, उल्टी में खून, भ्रम जैसी समस्याएं शुरू हो जाती हैं, तो इसे डी-कम्पेन्सेटेड कहा जाता है. इस स्टेज पर मरीज की जान बचाने के लिए अक्सर लिवर ट्रांसप्लांट ही एकमात्र विकल्प रह जाता है.
बिना ट्रांसप्लांट इलाज कब संभव है?

अगर लिवर सिरोसिस का पता समय पर लग जाए और वह कम्पेन्सेटेड स्टेज पर हो. यदि रोगी शराब या हेपेटाइटिस जैसी वजहों से ग्रसित है और उस कारण को समय रहते रोक लिया जाए.
हाई-प्रोटीन डाइट, नमक की कमी, नियमित व्यायाम, दवाइयों और लिवर सपोर्टिव थैरेपी से सुधार हो सकता है.
जीवनशैली में सुधार (जैसे शराब न पीना, वजन नियंत्रित रखना, कम नमक खाना, नियमित जांच कराना) बहुत जरूरी है.

क्या कहता है मेडिकल साइंस?
कई बार सिरोसिस की प्रगति को धीमा किया जा सकता है लेकिन पूरी तरह रिवर्स करना मुश्किल होता है. नई रिसर्च में कुछ दवाइयों और स्टेम सेल थैरेपी से उम्मीदें हैं, लेकिन ये अभी पूरी तरह सफल नहीं हुई हैं. ट्रांसप्लांट की जरूरत तब होती है जब लिवर की क्षति इस स्तर पर पहुंच जाए कि शरीर को बचाना संभव न हो.
ये भी पढ़ें – चेहरे पर सर्जरी को लेकर ट्रोल हो रहीं मौनी रॉय, जानें ऐसा करने पर क्या हो सकते हैं नुकसान
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
 

How useful was this post?

Click on a star to rate it!

Average rating / 5. Vote count:

No votes so far! Be the first to rate this post.

Related Articles

Leave a Comment