क्या ब्रेस्टफीडिंग से फर्टिलिटी पर पड़ता है असर? डॉक्टर से समझें जरूरी बात

by Carbonmedia
()

प्रसव के बाद महिला का शरीर कई बदलावों से गुजरता है. ब्रेस्टफीडिंग इस दौरान मां और बच्चे दोनों के लिए बेहद जरूरी है, लेकिन यह प्रक्रिया महिला के हार्मोन लेवल को भी प्रभावित करती है. यही कारण है कि कई महिलाएं समझती हैं कि जब तक वह बच्चे को दूध पिला रही हैं, तब तक गर्भवती नहीं हो सकतीं. क्या यह सच है? आइए डॉक्टर से समझते हैं.
क्या ब्रेस्टफीडिंग रोकता है प्रेग्नेंसी?
वाराणसी स्थित चंद्रा हॉस्पिटल की गायनेकोलॉजिस्ट डॉ. कुसुम चंद्रा ने helloswasthya के साथ बातचीत में इसके बारे में बताया था. वे बताती हैं, “अगर कोई महिला चाहती है कि पहले बच्चे के तुरंत बाद दूसरे बच्चे को जन्म दे, तो ऐसा संभव नहीं है. क्योंकि प्रसव के बाद से कम से कम तीन महीने तक महिला के शरीर में ओव्यूलेशन नहीं होता है, जिससे उसके पीरियड्स भी नहीं आते हैं. इसी वजह से महिला की फर्टिलिटी प्रभावित होती है.”
वह आगे कहती हैं, “एक बार पीरियड्स सही तरीके से शुरू हो जाएं तो महिला दोबारा गर्भवती हो सकती है. हालांकि, दो बच्चों में कम से कम तीन साल का अंतर रखना चाहिए ताकि मां और बच्चे दोनों का स्वास्थ्य सही बना रहे.”
ब्रेस्टफीडिंग और ओव्यूलेशन का कनेक्शन
बच्चे को जन्म देने के बाद महिला के शरीर में प्रोलैक्टिन नामक हार्मोन का स्तर बढ़ता है. यह हार्मोन दूध बनाने में मदद करता है और साथ ही ओव्यूलेशन को कुछ समय तक रोकता है. इस वजह से महिला को पीरियड्स नहीं आते. हालांकि, यह स्थिति हमेशा एक जैसी नहीं रहती. कुछ महिलाओं में यह असर 3-6 महीने तक रहता है, जबकि कुछ में जल्दी पीरियड्स आ सकते हैं.
क्या ब्रेस्टफीडिंग 100 प्रतिशत प्रोटेक्शन देता है?
कई लोग मानते हैं कि ब्रेस्टफीडिंग के दौरान प्रेग्नेंसी नहीं हो सकती, लेकिन यह पूरी तरह सच नहीं है. जैसे ही महिला के पीरियड्स वापस आने लगते हैं, गर्भधारण की संभावना बढ़ जाती है. इसलिए अगर आप प्रेग्नेंसी नहीं चाहतीं, तो डॉक्टर से सलाह लेकर कॉन्ट्रासेप्शन का इस्तेमाल करना जरूरी है.
क्यों जरूरी है बच्चों के बीच गैप?
डॉ. कुसुम चंद्रा सलाह देती हैं कि दो प्रेग्नेंसी के बीच कम से कम तीन साल का अंतर होना चाहिए. इससे महिला का शरीर पूरी तरह रिकवर हो जाता है और बच्चे का पोषण भी बेहतर तरीके से हो पाता है. जल्दी प्रेग्नेंसी प्लान करने से मां के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है और बच्चे में भी पोषण की कमी का खतरा बढ़ जाता है.
ब्रेस्टफीडिंग का फर्टिलिटी पर असर होता है, लेकिन यह असर स्थायी नहीं है. एक बार ओव्यूलेशन और पीरियड्स शुरू हो जाएं, तो महिला गर्भवती हो सकती है. इसलिए सही समय और अंतराल के लिए डॉक्टर की सलाह लेना बेहद जरूरी है.
इसे भी पढ़ें: किडनी की इस बीमारी ने छीन लीं सत्यपाल मलिक की सांसें, जानिए कितनी गंभीर होती है ये दिक्कत?
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

How useful was this post?

Click on a star to rate it!

Average rating / 5. Vote count:

No votes so far! Be the first to rate this post.

Related Articles

Leave a Comment