एक तरफ आरजेडी तेजस्वी को महागठबंधन का मुख्यमंत्री चेहरा बताती है तो दूसरी तरफ कांग्रेस तेजस्वी के नाम पर मुहर नहीं लगा रही है. 70 सीटों की मांग भी कांग्रेस की ओर से की जा रही है. अब आरजेडी ने भी कांग्रेस पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है.
दरअसल बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष राजेश राम को उनकी ही विधानसभा सीट पर घेरने की तैयारी में आरजेडी कहीं न कहीं जुट गई है. सवाल उठ रहा है कि क्या औरंगाबाद की कुटुम्बा सीट RJD अपने कोटे में चाहती है? पार्टी नेता व पूर्व विधायक सुरेश पासवान को क्या राजद प्रत्याशी बनाना चाहती है? अगर कांग्रेस के खाते में सीट जाती है तो क्या सुरेश पासवान निर्दलीय भी चुनाव लड़कर राजेश राम को नुकसान पहुंचा सकते हैं?
सियासी गलियारों में इस तरह की चर्चाएं तेज हो गई हैं. सवाल ये भी खड़ा हो रहा है कि क्या महागठबंधन में सब कुछ ऑल इज वेल नहीं है? 13 सितंबर को अपने क्षेत्र कुटुंबा में बिहार कांग्रेस अध्यक्ष व विधायक राजेश राम ने महागठबंधन की बैठक बुलायी थी. इसमें आरजेडी की तरफ से कोई नहीं आया था. आरजेडी जिलाध्यक्षअमरेंद्र कुशवाहा के अनुसार पार्टी के नेता चुनाव को लेकर विभिन्न कार्यक्रमों में व्यस्त थे, इसलिए वह लोग नहीं आ पाए थे.वहीं कुटुम्बा के पूर्व विधायक व आरजेडी नेता सुरेश पासवान ने कहा कि 13 सितम्बर के कार्यक्रम में राजेश राम ने उनको आमंत्रित नहीं किया था. इसको लेकर उन्होंने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. वैसे उनकी भी इसी क्षेत्र से दावेदारी है और वे जनसंपर्क में भी है और उन्हें पूरी उम्मीद है कि पार्टी उन पर विचार करेगी. राजेश राम के द्वारा कार्यक्रम आयोजित करने के बाद सुरेश पासवान पासवान ने भी 18 सितंबर को कुटुंबा में महागठबंधन का कार्यकर्ता सम्मेलन बुलाया है. अब इसमें कांग्रेस का कोई आता है या नहीं यह देखना होगा. इस कार्यक्रम को उनके शक्ति प्रदर्शन के तौर पर भी देखा जा रहा है.
आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने पूरे मसले पर कहा कि आरजेडी की तैयारी तो सभी 243 सीटों पर है. आरजेडी महागठबंधन में सबसे बड़ी पार्टी है. सबसे बड़ा चेहरा तेजस्वी हमारे पास हैं. जब सीटों का बंटवारा हो जाएगा और जो जो सीटें सहयोगी दलों को जाएंगी उन सीटों पर हम लोग मदद करेंगे. अब कुटुंबा में क्या चल रहा है? इसकी जानकारी जिला इकाई दे सकती है.बिहार कांग्रेस के मीडिया विभाग के चेयरमैन राजेश राठौड़ ने पूरे मसले पर कहा कि इंडिया गठबंधन पूरी तरह से एकजुट है. महागठबंधन के दल ब्लॉक जिला विधानसभा स्तर पर साथ में व अलग अलग भी बैठक कर रहे हैं. इसका मतलब यह नहीं कि इंडिया गठबंधन में दरार है. सभी दलों को अधिकार है कि वह अपने दल को मजबूत करने के लिए बैठकें करते रहें.
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क्या महागठबंधन में नहीं है ऑल इज वेल? प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की सीट ‘कुटुम्बा’ पर RJD की है नजर!
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