आजकल की लाइफस्टाइल में सभी का खान-पान अनियमित रहता है, जिसकी वजह से कब्ज की समस्या रहती है. यही दिक्कत आगे चलकर बवासीर का कारण बनती है. बवासीर को पाइल्स भी कहते हं. दरअसल, गुदा और मलाशय के आसपास की नसों में सूजन आने को बवासीर कहा जाता है. यह सूजन गुदा के अंदर या बाहर हो सकती है. इसके कारण दर्द, खुजली और ब्लीडिंग की दिक्कत होती है. आप इन तीन योगासन से बवासीर के दर्द को दूर कर सकते हैं.
बवासीर क्या है?
गुदा या मलाशय की नसों पर बहुत ज्यादा दबाव पड़ने के साथ-साथ अनियमित मल त्याग के कारण बवासीर हो जाता है. बवासीर को ‘बादी बवासीर’ और ‘खूनी बवासीर’ में बांटा गया है. बादी बवासीर में मस्से होते हैं और खून नहीं आता है, जबकि खूनी बवासीर में मलत्याग के समय खून आता है.
बवासीर के लक्षण क्या है?
बवासीर के मुख्य लक्षण हैं गुदा क्षेत्र में दर्द, खुजली, खून आना और मल त्याग करने में कठिनाई. इसके अतिरिक्त गुदा के आसपास सूजन, गांठ या चिपचिपा तरल पदार्थ निकलना भी बवासीर के लक्षण हो सकते हैं.
बवासीर कितना आम है?
भारत में बवासीर एक आम समस्या है, खासकर शहरी क्षेत्र में. भारत में, लगभग 11 प्रतिशत लोग बवासीर से पीड़ित है. कुछ अनुमानों के अनुसार, हर साल 10 लाख से अधिक नए मामले सामने आते हैं.
बवासीर का इलाज
बवासीर एक आम समस्या है, लेकिन इसका इलाज किया जा सकता है. बवासीर के इलाज के लिए योग एक प्राकृतिक और प्रभावी तरीका है. योग, शरीर को लचीला बनाकर, पाचन क्रिया को सुधारकर और मांसपेशियों को मजबूत करके बवासीर के लक्षणों को कम करने में मदद करता है. तो आइए जानें तीन आसन जो बवासीर के दर्द को कम करें.
1.अश्विनी मुद्रा
अश्विनी मुद्रा बवासीर के दर्द से तुरंत राहत देता है. इस मुद्रा में योग करने से बवासीर की सूजन से छुटकारा पाया जा सकता है. अश्विनी आसन का अभ्यास करने से गुदा क्षेत्र में होने वाली खुजली और जलन दूर हो जाते हैं. इस योग का उपयोग टीवी देखते, चलते या किसी से बात करते समय भी किया जा सकता है.
अश्विनी मुद्रा करने का तरीका: किसी आरामदायक मुद्रा में बैठे. अपने रीढ़ को साधा और लंबा रखें. आप इस संकुचन को कुछ सांसों तक रोक कर रख सकते हैं या फिर कुछ सांसों के बाद छोड़ दें और आराम करें. अश्विनी योग मुद्रा को 5-10 मिनट तक कर सकते हैं.
2. वज्रासन
वज्रासन, जिसे हीरा मुद्रा भी कहा जाता है, बवासीर के लिए एक फायदेमंद योगासन है. यह पाचन में सुधार करता है, श्रोणि क्षेत्र में रक्त परिसंचरण को बढ़ाता है औऱ कब्ज से राहत दिलाता है, जो बवासीर के लक्षणों को कम करने में मदद करता है.
वज्रासन करने का तरीका: योगा मैट पर घुटने के बल लेट जाएं. अपने पैरों को एक साथ रखें और पंजों को पीछे की ओर रखें, एड़ियों पर बैठें. अपने हाथों को अपने घुटने पर रखें, हथेलियां नीचे की ओर हों. कुछ सांसों के लिए इस मुद्रा में रहें, फिर धीरे-धीरे छोड़ें.
3. बलासन
बलासन बवासीर के लिए फायदेमंद योगासन है. यह गुदा क्षेत्र में रक्त संचार को बेहतर बनाने और कब्ज से राहत दिलाने में मदद करता है, जिससे बवासीर के लक्षणों को कम करने में मदद मिल सकता है.
बलासन करने का तरीका: फर्श पर घुटना टेके और एड़ियों के बल बैठ जाएं. आगे की ओर झुकें. अपनी भुजाओं को सामने की ओर फैलाएं या उसे अपने शरीर के साथ टिकाएं. अपने माथे को चिटाई पर टिकाएं और गहरी सांस लें. 1-3 मिनट तक रुकें तथा धीमी, शांत सांसों पर ध्यान केंद्रित करें.
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Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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