तेलंगाना की महत्वाकांक्षी कालेश्वरम परियोजना को लेकर चल रहा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. पूर्व मंत्री और बीआरएस नेता हरीश राव ने मंगलवार (5 अगस्त, 2025) को तेलंगाना भवन में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पावरपॉइंट प्रेजेंटेशन के जरिए कांग्रेस सरकार पर गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने दावा किया कि कालेश्वरम परियोजना को बदनाम करने के लिए कांग्रेस और बीजेपी मिलकर साजिश रच रहे हैं.
हरीश राव ने कहा कि मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी की सरकार ने परियोजना के खिलाफ आधारहीन और पक्षपातपूर्ण रिपोर्ट पेश की है, जिसका उद्देश्य बीआरएस नेता के. चंद्रशेखर राव (केसीआर) को राजनीतिक रूप से निशाना बनाना है.
BRS नेता हरीश राव ने तेलंगाना सरकार पर उठाए सवाल
हरीश राव ने प्रेजेंटेशन में कई बिंदुओं को उठाया. उन्होंने तेलंगाना सरकार पर तंज कसते हुए कहा, “मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी की सरकार ने पिछले दो सालों में कोई ठोस काम नहीं किया. कांग्रेस सरकार ने न तो एक नहर खोदी और न ही एक एकड़ जमीन को पानी दिया. इसके बजाए दिल्ली को कमीशन की गठरियां भेजी गईं.” उन्होंने मेडिगड्डा बैराज में मामूली क्षति के बाद राष्ट्रीय बांध सुरक्षा प्राधिकरण (NDSA) की त्वरित कार्रवाई पर सवाल उठाया, जबकि आंध्र प्रदेश की पोलेरम परियोजना के तीन बार क्षतिग्रस्त होने पर NDSA ने कोई जांच नहीं की. इस पर राव ने कहा, “यह साफ तौर पर पक्षपातपूर्ण रवैया दर्शाता है.”
उन्होंने कालेश्वरम परियोजना के तम्मीडीहट्टी स्थान पर पानी की उपलब्धता न होने के दावों को खारिज करते हुए कहा, “केंद्रीय जल आयोग (CWC) ने पहले ही इसकी पुष्टि की थी. 165 टीएमसी पानी में से ऊपरी राज्यों का हिस्सा शामिल है. तम्मीडीहट्टी से मेडिगड्डा स्थान पर परियोजना को स्थानांतरित करने का निर्णय हमारा नहीं था, बल्कि विशेषज्ञों की सलाह पर लिया गया था.”
बिल पास कराने के लिए सरकार पर कमीशन मांगने का आरोप
हरीश राव ने कहा, “परियोजना के लिए सभी आवश्यक अनुमतियां 11 केंद्रीय एजेंसियों से प्राप्त की गई थीं. हमने एक वर्ष में ही सभी अनुमतियां हासिल कीं. फिर कमीशन किसे दोषी ठहराएगा? केंद्र सरकार को या उन एजेंसियों को, जिन्होंने परियोजना को मंजूरी दी?”
हरीश राव ने कांग्रेस सरकार पर कमीशन की मांग का भी आरोप लगाया. उन्होंने कहा, “बिल पास कराने के लिए 10-12 परसेंट कमीशन मांगा जाता है. यह सरकार विकास के बजाय भ्रष्टाचार में डूबी है.” उन्होंने दावा करते हुए कहा, “665 पेज की जांच रिपोर्ट में से केवल चुनिंदा हिस्सों को सार्वजनिक किया गया, जो एकतरफा और आधारहीन है. अगर यह रिपोर्ट विधानसभा में पेश की जाती है, तो हम सरकार को बेनकाब करेंगे और सच्चाई जनता के सामने लाएंगे.”
कालेश्वरम परियोजना तेलंगाना के लिए वरदान है, सीएम ये बात जानते हैं- हरीश राव
बीआरएस नेता हरीश राव ने चुनौती देते हुए कहा, “केसीआर ने महाराष्ट्र के साथ ऐतिहासिक समझौता किया था, जिसमें 152 मीटर की ऊंचाई पर बैराज निर्माण को लेकर सहमति बनी थी. अगर जल शक्ति मंत्री उमा भारती या कोई अन्य नेता यह साबित कर दें कि तम्मीडीहट्टी में पानी उपलब्ध है, तो मैं राजभवन जाकर इस्तीफा दे दूंगा.” उन्होंने यह भी कहा, “कालेश्वरम परियोजना को 100 वर्षों की भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखकर बनाया गया है. यह परियोजना तेलंगाना के लिए वरदान है. रेवंत रेड्डी को भी यह सच पता है.”
हरीश राव ने बीआरएस सरकार के कार्यकाल की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए कहा, “एक साल में 24 घंटे बिजली आपूर्ति शुरू की गई और मिशन काकतीय के तहत तालाबों का जीर्णोद्धार किया गया. हमने पेंडिंग प्रोजेक्ट्स को पूरा किया, लेकिन कांग्रेस सरकार ने दो वर्षों में कुछ नहीं किया.”
विशेषज्ञों के हवाले से हरीश राव ने कहा, “मेडिगड्डा से मिड-मानेरु तक पानी सीधे नहीं ले जाया जा सकता था, इसलिए नदी के रास्ते पानी ले जाने का निर्णय लिया गया. यह निर्णय विशेषज्ञ समिति की सलाह पर आधारित था, जिसे कमीशन को भी बताया गया.”
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क्या है कालेश्वरम परियोजना, जिसको लेकर तेलंगाना में CM रेवंत रेड्डी और KCR के बीच मचा बवाल?
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