‘क्रिया-कर्म ब्राह्मण के बिना नहीं हो सकता’, इटावा के कथावाचक वाले विवाद पर बोले ओम प्रकाश राजभर

by Carbonmedia
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UP News: इटावा में कथावाचक वाले कांड को लेकर उत्तर प्रदेश के सियासी गलियारों में चर्चा तेज है. अब इस मामले को लेकर योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर की प्रतिक्रिया सामने आई है. कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने घटना की निंदा करते हुए कहा कि देश संविधान से चलता है और अगर किसी को कोई शिकायत है तो उसे पुलिस में रिपोर्ट करनी चाहिए थी न कि खुद ही न्याय करने का प्रयास करना चाहिए था.
कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि जो घटना है हम उसकी निंदा करते हैं, देश में संविधान है, कानून का राज है. अगर किसी ने गलत किया है तो थाने में जाकर तहरीर देनी चाहिए थी. पुलिस कार्रवाई करती, खुद जज बन जाना गलत है. उन्होंने आधार कार्ड से जुड़ी गड़बड़ियों को लेकर टिप्पणी करते हुए कहा कि एक व्यक्ति के पास दो आधार कार्ड होना फ्रॉड की श्रेणी में आता है और ऐसे मामलों में धोखाधड़ी की धारा 420 के तहत केस दर्ज होना चाहिए. उन्होंने सवाल उठाया जब सबको एक आधार कार्ड रखने का अधिकार है, तो कोई दो क्यों बनाए.
क्रिया-कर्म ब्राह्मण के बिना नहीं हो सकता
वहीं सपा चीफ अखिलेश यादव द्वारा दान-पुण्य न लेने संबंधी बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए राजभर ने कहा कि ब्राह्मणों की भूमिका हमारे जीवन में जन्म से मृत्यु तक बनी रहती है. उन्होंने कहा मरने के बाद भी क्रिया-कर्म ब्राह्मण के बिना नहीं हो सकता. ब्राह्मणों की व्यवस्था को नकारा नहीं जा सकता.
यादवों को कथा कहने का अधिकार परंपरा में नहीं रहा
इसके साथ ही ओपी राजभर ने जाति व्यवस्था पर बोलते हुए कहा जब देश में जाति व्यवस्था बनी तो काम के आधार पर जातियां बनीं. यादवों को कथा कहने का अधिकार परंपरा में नहीं रहा, लेकिन संविधान के दायरे में कोई भी शिक्षा प्राप्त व्यक्ति कोई भी कार्य कर सकता है, यह हमारा संवैधानिक अधिकार है. उन्होंने कहा कि जाति को नकारा नहीं जा सकता. बिना जाति के संगठन या राजनीतिक दल नहीं बनते, जातियों के वोटों के लिए ही मंत्री और विधायक बनाए जाते हैं. जाति की बात आती है, तो जाति याद आती है.
इटावा की घटना में जांच होनी चाहिए- ओम प्रकाश राजभर
इटावा घटना के नए वीडियो वायरल होने पर मंत्री ने कहा कि पूजा-पाठ की परंपराएं अब विभिन्न धर्मों और मान्यताओं के अनुसार बदल रही हैं. उन्होंने कहा कि कोई बौद्ध धर्म मानता है, कोई अन्य पंथ. जो जिस पर विश्वास करता है, वह वैसी पूजा करता है. इसके साथ ही अंत में उन्होंने दोहराया कि इटावा की घटना में जांच होनी चाहिए और जो भी दोषी हो, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए. कानून को अपने हाथ में लेने की इजाजत किसी को नहीं है.

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