खून देते ही क्यों आने लगते हैं चक्कर? जानिए वजह और बचाव के तरीके

by Carbonmedia
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रक्तदान एक महान कार्य है, जो कई लोगों की जान बचाता है. लेकिन, कुछ लोग खून देते समय या उसके तुरंत बाद चक्कर आने, हल्कापन महसूस होने या बेहोशी जैसी शिकायत करते हैं. यह एक आम समस्या है और आमतौर पर चिंता का कोई बड़ा कारण नहीं होती. शरीर की कुछ सामान्य प्रतिक्रियाओं के कारण ऐसा हो सकता है. आइए जानते हैं इसके पीछे की वजहें और इससे बचने के उपाय.
चक्कर आने के मुख्य कारण
रक्तदान के दौरान चक्कर आने के पीछे कई शारीरिक और मानसिक कारण हो सकते हैं:

ब्लड प्रेशर में अचानक गिरावट: यह सबसे आम वजहों में से एक है. जब आपके शरीर से लगभग आधा लीटर खून निकाला जाता है, तो शरीर में खून की कुल मात्रा कुछ समय के लिए कम हो जाती है. इससे ब्लड प्रेशर (रक्तचाप) अचानक गिर सकता है. दिमाग को पर्याप्त खून और ऑक्सीजन न मिलने के कारण आपको चक्कर आ सकते हैं या हल्कापन महसूस हो सकता है.
घबराहट या तनाव की प्रतिक्रिया (वेसो-वैगल रिएक्शन): यह एक सामान्य शारीरिक प्रतिक्रिया है जो तनाव, घबराहट या दर्द के कारण हो सकती है. खून या सुई देखकर कुछ लोगों को डर या चिंता महसूस होती है. इस मानसिक प्रतिक्रिया के कारण आपकी वेगस नस उत्तेजित हो जाती है, जिससे दिल की धड़कन धीमी हो जाती है और खून की नसें चौड़ी हो जाती हैं. इसके परिणामस्वरूप ब्लड प्रेशर और दिल की धड़कन दोनों गिर जाते हैं, जिससे दिमाग तक खून का बहाव कम हो जाता है और आपको चक्कर आ सकते हैं या आप बेहोश भी हो सकते हैं.
शरीर में पानी की कमी (डिहाइड्रेशन): अगर आपने रक्तदान से पहले पर्याप्त मात्रा में पानी या अन्य तरल पदार्थ नहीं पिए हैं, तो आपका शरीर पहले से ही कम पानी वाला हो सकता है. खून का एक बड़ा हिस्सा पानी ही होता है. ऐसे में, जब आप खून देते हैं, तो शरीर में तरल पदार्थ की और कमी हो जाती है, जिससे ब्लड प्रेशर और भी नीचे गिर सकता है.
तेजी से उठना: रक्तदान के बाद तुरंत खड़े होने या तेज़ी से हिलने-डुलने से भी ब्लड प्रेशर में अचानक बदलाव आ सकता है, जिससे चक्कर आ सकते हैं. शरीर को नए खून की मात्रा के साथ तालमेल बिठाने के लिए कुछ समय चाहिए होता है.

चक्कर आने से कैसे बचें और क्या करें?
चक्कर आने की संभावना को कम करने के लिए कुछ आसान कदम उठाए जा सकते हैं:

रक्तदान से पहले खूब पानी पिएं: रक्तदान से 24 घंटे पहले से ही खूब पानी और अन्य तरल पदार्थ (जैसे जूस) का सेवन करें. रक्तदान के दिन भी अच्छी मात्रा में पानी पिएं.
पौष्टिक खाना खाएं: रक्तदान से पहले एक स्वस्थ और संतुलित भोजन करें. खाली पेट बिल्कुल न जाएं. अपने भोजन में आयरन से भरपूर चीजें (जैसे हरी पत्तेदार सब्जियां, दालें, सूखे मेवे) शामिल करें.
शांत रहें: अगर आपको सुई या खून से डर लगता है, तो रक्तदान के दौरान अपनी आंखें बंद कर लें, गहरी सांसें लें, या किसी और चीज़ पर ध्यान केंद्रित करने की कोशिश करें. रक्तदाता केंद्र का स्टाफ भी आपकी मदद कर सकता है.
रक्तदान के बाद आराम करें: खून देने के बाद कम से कम 10-15 मिनट तक कुर्सी पर लेटे या बैठे रहें. तुरंत उठने की कोशिश न करें.
हल्का नाश्ता लें: रक्तदान के बाद केंद्र पर मिलने वाला जूस और बिस्कुट या कोई हल्का स्नैक ज़रूर लें. यह आपके ब्लड शुगर और तरल पदार्थ के स्तर को सामान्य करने में मदद करेगा.
धीरे-धीरे उठें: जब आपको उठने के लिए कहा जाए, तो धीरे-धीरे उठें और कुछ देर के लिए कुर्सी के पास ही खड़े रहें, फिर चलना शुरू करें.

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Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

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